पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग समेत अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के बेमियादी बंद से संकट गहरा गया है। पिछले तीन दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित सरकारी कार्यालयों में गोजमुमो की ओर से बेमियादी बंद चल रहा था। इसी बीच गुरुवार को पुलिस ने गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग के घर और कार्यालय में छापामारी कर भारी मात्रा में तीर-धनुष, हथियार, विस्फोटक एवं नकदी बरामद किए हैं। गुरुंग के आवास पर पुलिस छापे से गोजमुमो समर्थक उग्र हो उठे हैं। उन्होंने कलिंपोंग जिले की पेडोंग पुलिस चौकी में आग लगा दी। मीडिया को भी नहीं बख्शा गया और उनकी कार को भी फूंक दिया और अब बंद के दायरे में समूचे पहाड़ी क्षेत्रों को ला दिया गया है। पातलेवास इलाके में स्थित गोजमुमो का कार्यालय पुलिस ने सील कर दिया है। हंगामे के दौरान गोजमुमो समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और आगजनी को भी अंजाम दिया। दरअसल गोजमुमो की युवा शाखा की रैली को रोकने की पुलिस ने कोशिश की थी। इन दो घटनाओं के बाद मोर्चा समर्थक काफी उग्र हो गए हैं, जिससे पहाड़ का माहौल गर्म हो गया है। गोजमुमो की केंद्रीय कमेटी ने दार्जिलिंग की पहाडिय़ों में बेमियादी बंद का एलान कर दिया है। सरकारी कार्यालय पहले से ही बंद हैं। आज से दूसरे कार्यालय व संस्थान भी बंद हो गए हैं। इससे बंगाल की ममता सरकार की चुनौती बढ़ गई है। गोजमुमो के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि पुलिस छापामारी से नाराज होकर उनकी पार्टी ने पहाड़ी क्षेत्रों में बेमियादी बंद का आह्वान किया है। गिरि ने कहा कि राज्य सरकार चुन-चुनकर निशाना बनाने की राजनीति कर रही है। राज्य सरकार की क्रूरता के बारे में हम केंद्र को सूचित करेंगे। हथियार मिलने के बारे में गोजमुमो नेता विनय तमांग का कहना है कि इस तरह के हथियार हमारी परंपरा का हिस्सा हैं। हम लोग आदिवासी हैं इसलिए इस तरह के हथियार रखते हैं। वहीं, दूसरी ओर दार्जिलिंग में चल रहे संकट ने नया मोड़ ले लिया है, जहां तृणमूल के साथ खड़ा गोरखालैंड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने आंदोलन में गोजमुमो से हाथ मिला लिया है। पार्टी ने कहा कि वह गठन के बाद से ही गोरखालैंड के लिए लड़ रही है। जीएनएलएफ के साथ आने से गोजमुमो नेता काफी उत्साहित हैं। साथ ही कह रहे हैं कि गोरखालैंड के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे। सरकार को तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाना होगा।
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(हाइलाइटर ::: जीएनएलएफ के साथ आने से गोजमुमो नेता काफी उत्साहित हैं। साथ ही कह रहे हैं कि गोरखालैंड के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे। सरकार को तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाना होगा।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]