इन दिनों विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने और परीक्षा शुरू होने के पूर्व प्रतिभागियों तक उनके उत्तर पहुंच जाने की लगातार हो रही घटनाएं लाखों युवाओं के भविष्य को चौपट कर रही हैं। पैसे के बूते फर्जीवाड़ा कर अपना भविष्य बनाने की जुगत में लगे कुछ ही प्रतिभागियों की वजह से बड़ी संख्या में करियर का ठौर पाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले युवा परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि करियर के सौदागरों की वजह से उनका जाया हो रहा समय और पैसे की भरपाई कौन करेगा। फर्जीवाड़ा प्रकाश में आने के बाद परीक्षा रद हो जाती है। ऐसे में मेहनत के बूते सफलता की उम्मीद रखने वाले युवाओं के सपने टूट जाते हैं। वैसे भी युवाओं की जनसंख्या के अनुपात में राज्य ही नहीं देश में नौकरियों की संख्या काफी कम है। दूसरी तरफ अपने कारनामों से करियर के सौदागर इस गुंजाइश को भी क्षीण कर देते हैं। हाल ही में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) में हुए फर्जीवाड़े की जांच चल रही है। इसमें संलिप्त लोगों की धर पकड़ हो रही है। इसी बीच कर्मचारी चयन आयोग की मल्टी टास्किंग स्टाफ परीक्षा के दूसरे चरण की परीक्षा का पर्चा लीक हो गया। यही नहीं परीक्षा शुरू होने के पूर्व उसके उत्तर भी उन अभ्यर्थियों तक पहुंच गए, जो पैसे के बूते नौकरी पाना चाहते थे। प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी हर परीक्षा को दागदार बना दिया जा रहा है। एसएससी मुख्यालय ने पर्चा लीक होने के मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। हालांकि पर्चा लीक होने का यह नया मामला नहीं, 30 अप्रैल को भी इस परीक्षा के पहले चरण की द्वितीय पाली का पर्चा लीक हो गया था। प्रवेश पत्र न मिलने की वजह से एक अभ्यर्थी ने आक्रोश में आकर आंसर को सार्वजनिक कर दिया था। मामला प्रकाश में आने के बाद एसएससी ने परीक्षा को रद कर दिया था। रविवार को बिहार के साथ-साथ यूपी में भी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। आगरा में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पटना और मुजफ्फरपुर में इस पर्जीवाड़े की वजह से नुकसान उठाने वाले परीक्षार्थी आक्रोशित हो गए। इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। यह भी गौर करने वाली बात है कि ऐसे पर्जीवाड़े में अधिकांश नालंदा के लोग संदेह के घेरे में आते हैं। नीट वाले मामले में नालंदा से तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। एसएससी वाले मामले में भी नालंदा का ही परीक्षार्थी पकड़ा गया। बेरोजगार युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई को उदाहरण के रूप में पेश करना होगा, तभी अंकुश संभव है।
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हाईलाइटर
हर प्रतियोगी परीक्षा को दागदार बनाने की कोशिश में जुटे करियर के सौदागरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसकी जद में उन्हें भी लाना होगा, जो पैसे के बल पर नौकरी पाना चाहते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई के एक-दो उदाहरण पेश करने होंगे, ताकि ऐसा करने की हिम्मत कोई न जुटा सके।

[ स्थानीय संपादकीय : बिहार ]