माकपा में किसी नेता को राज्यसभा में लगातार तीन बार भेजने का चलन नहीं है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के मामले में यह नियम अपवाद होगा कि नहीं यह पार्टी में बहस का विषय बना हुआ है। प्रारंभिक मतभेद को देखते हुए ही येचुरी ने पहले ही कहा था कि वह तीसरी बार राज्यसभा में जाने के इच्छुक नहीं हैं। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल माकपा राज्य कमेटी येचुरी को फिर बार राज्यसभा में भेजने पर अडिग है। बंगाल की माकपा इकाई ने येचुरी को तीसरी बार राज्यसभा में भेजने का लिखित प्रस्ताव पोलित ब्यूरो को भेजा था, लेकिन माकपा पोलित ब्यूरो ने पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी को तीसरी बार राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इस मुद्दे पर पार्टी की बंगाल इकाई और केरल लाबी में मतभेद उभर कर सामने आ गया है। पोलित ब्यूरो की बैठक में बंगाल राज्य माकपा के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी। इस मुद्दे पर बंगाल इकाई और केरल लाबी बंट गई है। केरल लाबी कांग्रेस के समर्थन से येचुरी को तीसरी बार राज्यसभा भेजने के लिए तैयार नहीं है। पोलित ब्यूरो की बैठक में केरल लाबी के इस पर अड़ जाने से मामला अधर में लटक गया है। येचुरी को तीसरी बार राज्यसभा में भेजने के पार्टी की बंगाल इकाई के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा के लिए उसे केंद्रीय कमेटी के हवाले कर दिया गया है। अगले माह माकपा केंद्रीय कमेटी में इस मुद्दे पर बहस होगी।
माकपा इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ संबंध को को लेकर भी असमंजस में है। येचुरी के बदले यदि माकपा किसी दूसरे नेता को उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस समर्थन नहीं करेगी। ऐसी स्थिति में छठी सीट पर भी तृणमूल कांग्रेस प्रतिद्वंदिता करेगी। कांग्रेस ने येचुरी का समर्थन करने का संकेत पहले ही दिया है। एक सांसद के रूप में येचुरी के प्रदर्शन की प्रशंसा वामपंथी पार्टियों से ही नहीं बल्कि कई गैर-एनडीए दलों विशेष रूप से कांग्रेस से भी मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी राज्यसभा में येचुरी को फिर देखना चाहते हैं। माकपा केंद्रीय नेतृत्व येचुरी को नामांकन करने से नहीं रोकता है तो कांग्रेस के समर्थन और 31 वाम मोर्चा के विधायकों के साथ येचुरी का तीसरी बार राज्यसभा में जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। लेकिन पार्टी इसकी अनुमति देगी यह तय नहीं है।
-----------------
(हाईलाइटर:: येचुरी को तीसरी बार राज्यसभा में भेजने के पार्टी की बंगाल इकाई के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा के लिए उसे केंद्रीय कमेटी के हवाले कर दिया गया है।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]