राजधानी आने वाले कुछ महीनों में बड़े आयोजनों का गवाह बनेगी। छठ पूजा तो एकदम सामने है। इस दौरान शहर की सड़कों पर भारी भीड़ जुटती है। लाखों लोग अघ्र्य देने गंगा घाट तक पहुंचते हैं। देश-विदेश से बिहार के लोग अपने गांव घर आते हैं। पटना में इसको लेकर महीनों से तैयारियां चल रही हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तैयारियों का जायजा लेने के लिए गंगा के घाटों पर गए। बीच नदी में जाकर जायजा लिया। दरअसल कुछ साल पहले छठ पूजा के दौरान पटना में भगदड़ जैसी दुखद घटना के बाद प्रशासन कोई चूक अपने स्तर से नहीं होने देना चाहता है। पिछले वर्ष के इंतजाम की काफी सराहना हुई थी। प्रशासन व्रतियों के लिए फिर वैसी ही व्यवस्था करने में जुटा है। इसके पहले मुख्यमंत्री गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव की तैयारियों का जायजा लेने पटना सिटी गए थे। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का होने वाला है। देश-विदेश से लाखों सिख श्रद्धालु पटना आएंगे। वे पटना के उस इलाके में जाएंगे, जहां सामान्य दिनों में पहुंच पाना बड़ा मुश्किल होता है। सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र पटना सिटी को माना जाता है। उस क्षेत्र की अपनी खासियत है, तो अपनी दिक्कतें भी। इन दिक्कतों के बीच आने वाले मेहमानों के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे। आने-जाने, ठहरने, पूजा-पाठ करने और घूमने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी मुकम्मल व्यवस्था की जा रही। न धन की कमी है और न ही कोशिश की। लिहाजा उम्मीद जताई जा रही कि प्रकाशोत्सव से बिहार की नई ब्रांडिंग होगी। पटना के लोगों के लिए सबसे अच्छी बात है कि इसी बहाने उन्हें वैसी दिक्कतों से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगी जिससे वे दशकों से जूझते रहे हैं। पटना सिटी का जाम और मुख्य शहर से पटना सिटी पहुंचने का कष्ट इसमें एक है। प्रकाशोत्सव के लिए वैकल्पिक मार्ग बना। ओवरब्रिज बना। सड़कें चौड़ी की जा रहीं। गलियों का कायाकल्प हो रहा। पटना साहिब स्टेशन को नया रूप दिया जा रहा। हरिमंदिर के आसपास का इलाका नया रूप पा रहा है। इसका भविष्य में फायदा मिलेगा। तख्त श्री हरिमंदिर पटना का एक प्रमुख केंद्र है, जहां पटना आने वाले देश-विदेश के लोग जरूर पहुंचना चाहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पर्यटन महकमे से जुड़े अधिकारी यह समझते हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को पटना सिटी का दौरा किया तो उन्होंने जमीनी हकीकत देखी। दिक्कतों को समझने की कोशिश की और अधिकारियों को उपाय तलाशने को कहा। काम तेज करने की हिदायत भी दी। हर जगह ससमय काम पूरा किए जाने की बात कही। उत्सवधर्मी बिहार में आयोजन पहले भी होते थे लेकिन अब वे नियोजित और भव्य हो रहे। महानगरों की तरह। प्रबंधन के लिए पेशेवरों की सेवा ली जाती है। सरकार अपना खजाना खोल देती है। पटना के लोगों के लिए यह अलग अनुभव है। गांधी मैदान में इस वर्ष दशहरा पर हुआ आयोजन भी सफल रहा। छठ पूजा और प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन की सरकारी कोशिश तभी पूरी तरह से सफल होगी, जब आम लोग भी इन आयोजनों के महत्व को समझें। सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर खुद को बदलें।

[ स्थानीय संपादकीय : बिहार ]