राज्य सरकार का यह फैसला अत्यंत सराहनीय है कि राज्य के शहरों में अब सिर्फ नियोजित बसावटों के ही विकास को मंजूरी दी जाएगी। अनियोजित विकास पटना सहित राज्य के अधिसंख्य शहरों-कस्बों की विकट समस्या है। इससे निपटने के लिए सरकार रियल स्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट-2016 इसी महीने अधिसूचित करने जा रही है। पिछली सरकारों की उदासीनता के चलते राज्य के शहरों का घोर अनियोजित शैली में विकास हुआ है। पटना में ऐसे दर्जनों उदाहरण देखे जा सकते हैं जिनमें बिल्डरों ने सारे नियम-कायदे ताख पर रखकर गली-कूचों में बहुमंजिला अपार्टमेंट खड़े कर दिए। ऐसे अपार्टमेंटों में न पार्किंग की व्यवस्था है और न अन्य सुविधाओं की। पिछले साल गंगा में बाढ़ आने पर शहर का एक अपार्टमेंट आश्चर्यजनक ढंग से डूब गया। जांच-पड़ताल किए जाने पर पता चला कि बिल्डर ने अपार्टमेंट का सीवरेज पाइप के जरिए सीधे गंगा में डाल दिया है। बाढ़ आने पर इसी पाइप के जरिए पानी अपार्टमेंट में भर गया। ऐसी गड़बडिय़ों के तमाम अन्य उदाहरण हैं। काफी विलंब से सही, इस ओर सरकार का ध्यान जाने की सराहना की जानी चाहिए। इसी तरह सरकार द्वारा ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता की जांच ड्रोन के जरिए कराए जाने का निश्चय भी अच्छा कदम है। ग्रामीण सड़कों की बदहाली सबको पता है जबकि इनकी मरम्मत के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं। इसके बावजूद सड़कों का हालत में सुधार नहीं दिखता। जाहिर है कि सड़कों की मरम्मत के लिए आवंटित होने वाला बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। स्थानीय लोग इस अराजकता के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो वह नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कठिनाई की ओर ध्यान दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इसके अच्छे नतीजे होंगे तथा भविष्य में राज्य की ग्रामीण सड़कों की हालत में सुधार नजर आएगा। कुछ ऐसे ही कदम चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए भी उठाए जाने चाहिए। विभिन्न कारणों से यह राज्य सेवाओं का संभवत: सर्वाधिक बदहाल सेक्टर है। गांव से लेकर जिला मुख्यालय स्तर तक सरकारी चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली के चलते पीएमसीएच पर अत्यधिक बोझ आ गया है। वैसे पीएमसीएच में भी अक्सर आवश्यक उपकरणों, दवाओं व अन्य संसाधनों की कमी दिखती है लेकिन सबसे बड़ी समस्या है, डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की गैर हाजिरी। इन हालात के चलते निजी अस्पतालों में मरीजों का जमकर शोषण किया जाता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री जल्द ही सरकारी चिकित्सा सेवा का भी 'इलाज' करेंगे।
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चंडीगढ़ अपने नियोजित विकास की वजह से देश के सबसे अच्छे शहरों में शुमार किया जाता है। देर से सही, बिहार सरकार ने भी इस दिशा में पहल की है। इसके लिए एक एक्ट इसी महीने अधिसूचित किया जाएगा जिसके जरिए बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगने की संभावना है।

[ स्थानीय संपादकीय : बिहार ]