हाईलाइटर
झारखंड के लिए यह उत्साहजनक है कि अबतक की सरकारें सिर्फ निवेश के दावे या वादे करती थीं लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे कर दिखाया है।
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कथनी-करनी का अंतर अक्सर नजीर बनता है लेकिन झारखंड में सरकार ने महज तीन माह के भीतर मोमेंटम झारखंड के दौरान हुए वादे को धरातल पर उतारने की कवायद कर यह प्रमाणित कर दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर बेहतर काम किया जा सकता है। गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बीस से ज्यादा कंपनियों की आधारशिला रखी और कुछ कंपनियों के कामकाज का उद्घाटन भी किया। झारखंड सरीखे राज्य के लिए यह उत्साहजनक इस मायने में है कि अबतक की सरकारें सिर्फ निवेश के दावे या वादे करती थीं लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे कर दिखाया है। एक माह बाद कुछ और कंपनियों का कामकाज आरंभ होगा। यह निवेश की दिशा में किया गया सार्थक प्रयास है जो अन्य राज्यों के लिए नजीर बन सकता है। हालांकि राज्य सरकार की इच्छाशक्ति का अहसास उसी वक्त हो गया था जब मोमेंटम झारखंड का आयोजन हुआ था। आयोजन के पूर्व आला अधिकारियों ने खासी मेहनत की। जमीनें चिह्नित की गई और इसे लैंड बैंक में शामिल किया गया। खास बात यह रही कि एक ओर कंपनियों संग एमओयू पर हस्ताक्षर हो रहे थे तो दूसरी तरफ खुद मुख्य सचिव निवेशकों को जमीन दिखा रही थीं। कामकाज की इसी तेजी का प्रतिफल है कि सिर्फ तीन माह में ही परिणाम नजर आने लगा। निवेशकों ने राज्य में रुचि दिखाई है। जल्द ही प्रतिष्ठित कंपनियों की इकाईयां यहां काम करने लगेंगी। खासकर वैसे इलाकों में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा जो अबतक अछूते थे। संताल परगना के गोड्डा में प्रतिष्ठित अडाणी पावर का कामकाज तेजी से चल रहा है। यहां से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति होगी। संताल परगना प्रमंडल अन्य इलाकों से अपेक्षाकृत पिछड़ा है लेकिन सरकार के विशेष प्रयास से यहां परिवहन के संसाधन बेहतर हो रहे हैं। देवघर में हवाई अड्डा का विस्तारीकरण होना है। यहां एम्स को भी हरी झंडी मिल चुकी है। ऐसे में यह इलाका जहां अन्य प्रमंडलों के साथ कदमताल करने लगेगा वहीं झारखंड विकसित प्रदेशों की तर्ज पर आगे बढ़ेगा। कारोबार को आसान बनाने वाले अग्र्रणी राज्यों में झारखंड शुमार है। स्वच्छ भारत अभियान सरीखे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में झारखंड देश के शीर्ष पांच राज्यों में शुमार है। यह चौतरफा विकास की प्रक्रिया है। देर से ही सही, झारखंड में वह दृढ़ इच्छाशक्ति दिख रही है जिसके बूते दक्षिण-पश्चिम के राज्य विकसित हुए हैं। सक्षम नेतृत्व एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ता है और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वह इच्छाशक्ति दिखाई है। इस प्रयास और गति को लगातार बनाए रखना होगा। इसी में राज्य का हित है। झारखंड निवेशकों का पसंदीदा राज्य बनेगा तो ज्यादातर समस्याएं छूमंतर हो जाएंगी।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]