हरियाणा सरकार की तरफ से हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की बात कई सालों से कही जा रही है। अब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में हिसार में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की पेशकश की है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका में इस संबंध में शपथ पत्र दिया है। यह पेशकश अच्छी है। लेकिन हरियाणा सरकार को विचार करना चाहिए कि सबसे बड़ा न सही, सामान्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की उसकी योजना की प्रगति रफ्तार क्या संतोषजनक है? अभी तक तो बात घोषणाओं से आगे नहीं बढ़ी है। केंद्र को भी सोचना चाहिए कि हिसार ऐसा शहर है जो दिल्ली, चंडीगढ़ तथा जयपुर के केंद्र में है और यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से दिल्ली का बोझ कम हो जाएगा। इसलिए उसे भी हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का काम तेज करने का प्रयास करने चाहिए।
दो साल पहले जब हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की योजना बनी थी तो तय किया गया था कि यहां अगले सात सालों में अति-आधुनिक विश्वस्तरीय मानकों वाला समेकित विमानन हब बनाया जाएगा, जहां विमानों की मरम्मत, रखरखाव और ओवरहालिंग के लिए एविएशन एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयरिंग, ओवरहालिंग) के साथ साथ फिक्स्ड बेस ऑपरेशन (एफबीओ) और एयरोस्पेस पार्क भी होगा। इस दिशा में भी अब तक कुछ धरातल पर होता नहीं दिख रहा है। यदि विमानों की मरम्मत और ओवरहालिंग का काम देश में होने लगे तो भारतीय एयरलाइंस कंपनियों को लाभ होगा। अभी यह देश में पांच फीसद से कम होता है। इसलिए भारतीय एयरलाइंस कंपनियां इसे मजबूरी में विदेश में कराती हैं। वे अपने राजस्व का 15 से 20 फीसद हिस्सा इस पर खर्च करती हैं और इसके लिए 475 मिलियन यूएस डॉलर विदेशों में जाते हैं। प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार को भी सोचना चाहिए कि हिसार में एयरपोर्ट और एविएशन एमआरओ बन जाने से हरियाणा को जो लाभ होगा, वह तो होगा ही, इससे देश को भी लाभ होगा। इसलिए पेशकश करने और घोषणाएं करने के बजाय संकल्प लेकर समयबद्ध रूप से इसके निर्माण की प्रक्रिया की शुरू की जानी चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय : हरियाणा ]