नशे के कारोबारियों को पुलिस की शह चिंताजनक है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो युवा पीढ़ी के नशे की ओर बढ़ रहे कदमों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
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प्रदेश में लगातार नशे का काला कारोबार बढऩा चिंता का विषय है। जिस तरह इसमें पुलिस की भूमिका सामने आ रही है, वह सरकारी सिस्टम की पोल भी खोल रही है। स्थिति यह है कि इस समय स्कूलों व कालेजों के आसपास जमकर नशीले पदार्थों का कारोबार हो रहा है। स्थिति चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि नशे के सौदागारों का मुख्य निशाना छात्र हैं। युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में डालने के लिए हर कीमत पर नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। इनमें टॉफीनुमा गोलियों से लेकर चरस व स्मैक तक शामिल हैं। इनकी लत में पड़कर युवा गलत राह पकड़ रहे हैं। प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब नशे की लत को पूरा करने के लिए युवाओं ने कई गंभीर अपराधों को अंजाम दिया। ऐसा नहीं है कि शासन व सरकार इससे अनभिज्ञ है। बीते कुछ वर्षों से प्रदेश में युवा पीढ़ी की नशे की लत छुड़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार बैठकें की जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय की ओर से भी शिक्षण संस्थाओं के सौ मीटर दायरे में पान, बीड़ी, गुटखा, सिगरेट आदि की बिक्री रोकने के आदेश जारी किए गए। शासन में हुई तमाम बैठकों में जागरूकता अभियान चलाने व सार्वजनिक स्थानों पर धूमपान पर रोक की बातें हुई। बावजूद इसके इनमें से किसी पर भी अमल होता नजर नहीं आ रहा है। इस वक्त कई मेडिकल स्टोर भी नशीली गोलियां बेच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस ओर आंखें मूंदी हुई हैं। इससे साफ है कि कहीं न कहीं नशे पर रोक लगाने के जिम्मेदार महकमे भी अपराधियों से मिले हुए हैं। अभी देहरादून में ही यह बात सामने आई है कि यहां बाबाओं की आड़ में नशे का कारोबार चल रहा है। इसे सीधे पुलिस की शह मिल रही है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तो फिर किससे उम्मीद की जा सकती है। सरकार को इस दिशा में बेहद गंभीरता से सोचने की जरूरत है। इस दिशा में सख्ती और दृढ़ इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी होगी। सरकार को चाहिए कि वह संबंधित महकमों को इसके लिए निर्देशित करे। अभी तक जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाए। समय-समय पर स्कूलों व शिक्षण संस्थाओं के आसपास सघन अभियान चलाया जाए। मेडिकल स्टोर्स पर पर भी जांच अभियान चलाए जाने की जरूरत है। तब ही इस नशे के काले कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तराखंड ]