दो साल बाद पर्यटन विभाग का जम्मू महोत्सव आयोजित करने का फैसला सराहनीय है। निश्चित रूप से इससे जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने करीब डेढ़ दशक पहले जम्मू में महोत्सव शुरू कर पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया था। इसका लाभ होता भी नजर आया। पंजाब सहित देश के कई हिस्सों से आए कलाकार इस महोत्सव में हिस्सा लेकर जम्मू को अलग पहचान दिला रहे थे। लेकिन कुछ वर्षो के बाद ही पर्यटन विभाग ने इस महोत्सव में रुचि लेना कम कर दी और मात्र औपचारिकता ही निभाई जाने लगी। विडंबना यह रही कि विभाग के इस रवैये को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया और दो साल तक इस महोत्सव को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। यह अच्छी बात है कि इस बार पर्यटन विभाग ने फिर से इसमें गंभीरता दिखाई है और लोगों में रुचि उत्पन्न करने के लिए पंजाब के प्रसिद्ध गायकों को भी आमंत्रित किया है। यह कार्यक्रम बागे ए बाहू, मुबारक मंडी सहित कुछ प्रमुख स्थलों में हो रहे हैं। यह बात किसी से नहीं छुपी है कि जम्मू जिले सहित पूरे संभाग में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मगर यह भी सच है कि कई ऐसे पर्यटक स्थल है जो कि वर्षो से उपेक्षित हैं। राज्य व केंद्र सरकार ने भी इन स्थलों को विकसित करने के लिए कुछ नहीं किया। पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। आतंकवाद के कारण कश्मीर में पहले से ही पर्यटक पहले की अपेक्षा कम जाते हैं। अच्छी बात यह है कि जम्मू संभाग में धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन सरकार इन श्रद्धालुओं को अन्य पर्यटक स्थलों पर ले जाने में सफल नहीं रही है। यह सही है कि मुख्यमंत्री ने जम्मू को स्वतंत्र पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई बार घोषणाएं की मगर अभी तक सरकार के प्रयास फलीभूत होते नजर नहीं आ रहे हैं। जम्मू महोत्सव जैसे प्रयास पर्यटन को और बढ़ावा दे सकते हैं। इसमें विभाग को चाहिए कि वह पूरे जम्मू जिले के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित करे। इससे पर्यटक इन स्थलों की ओर जाने के लिए आकर्षित होंगे। यही नहीं, पर्यटन विभाग को जम्मू संभाग के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार महोत्सव आयोजित करने चाहिए। इससे पूरे संभाग के पर्यटक स्थलों के बारे में लोगों को जानने का अवसर मिलेगा।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]