विधाननगर उत्तर थाने की पुलिस ने जिस तरह प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजुमदार को स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के परीक्षार्थियों से घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया है, उसपर कई सवाल उठे हैं। मजुमदार ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर राजनीतिक षड्यंत्र कर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
भाजपा ने मजुमदार की गिरफ्तारी को प्रतिङ्क्षहसा की राजनीति बताया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा का कहना है कि जनवरी, 2016 में हुई शिकायत के आधार पर इतने दिनों बाद मजुमदार को गिरफ्तार करने पर सवाल खड़े होते हैं। सीबीआइ ने रोजवैली चिटफंड घोटाले में तृणमूल सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और तापस पाल को गिरफ्तार किया है इसलिए बदले की कार्रवाई के तहत तृणमूल के निर्देश पर राज्य पुलिस ने मजुमदार को गिरफ्तार किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी भी मजुमदार की गिरफ्तारी को तृणमूल की बदले की राजनीति मानते हैं। माकपा सांसद मोहम्मद सलीम का कहना है कि इस तरह की शिकायतें तृणमूल नेताओं के खिलाफ भी हैं इसलिए तृणमूल नेताओं को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
मजुमदार की गिरफ्तारी के बाद खडग़पुर से तृणमूल पार्षद पूजा नायडू अपने पति श्रीनू नायडू की हत्या कराने का आरोप प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर मढ़ रही हैं। राज्य पुलिस ने श्रीनू हत्याकांड में घोष की संदिग्ध भूमिका की जांच शुरू कर दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने मजुमदार की गिरफ्तारी पर कानूनी लड़ाई लडऩे का निर्णय किया है। प्रदेश भाजपा ने श्रीनू हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि मजुमदार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनके खिलाफ जिस समय टेट परीक्षार्थियों से रुपये लेने की शिकायत हुई थी, उस समय वे कांग्रेस में थे। वहीं पूजा नायडू भाजपा के टिकट से पार्षद बनकर तृणमूल में शामिल हो गईं थीं। उनका आरोप है कि पार्टी छोडऩे के समय से ही उनके पति को दिलीप घोष धमकी दे रहे थे। घोष खडग़पुर से विधायक हैं। पूरा मामला राजनीति से जुड़ा लगता है और विपक्षी दलों ने जो प्रतिङ्क्षहसा की राजनीति बताई है, उसमें कुछ हद तक सच्चाई झलक रही है।

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]