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ब्लर्ब में
लोगों को ठगों का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए जागरूक होना होगा। ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचना होगा, जो सपनों के सौदागर बन ठगने में जुटे हैं
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अपनी व अपनों की सुरक्षा इंसान के अपने हाथ में है। थोड़ी सी लापरवाही कई बार बड़ा नुकसान कर जाती है। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश का बड़ा वर्ग सावधान नहीं है। इतने असावधान कि लोगों की लापरवाही अपनी ही जेब पर भारी पडऩे लगी है। प्रदेश में ठगी के मामलों की निरंतरता बताती है कि लोग चेतना खो चुके हैं व कोई भी सबक सीखने के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश के हर हिस्से से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि थोड़ी सी असावधानी बड़ा नुकसान कर सकती है। ठगों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि किसी न किसी बहाने जनता को ठगने के तरीके तलाश कर लेता है। कभी इंटरनेट के माध्यम से पैसा दोगुना करने तो कभी एसएमएस भेज कर रातोंरात अमीर बनाने के झांसे में लोगों को फंसाया जा रहा है। सोचने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हो रहा है। इसलिए क्योंकि लुटने वाले स्वयं तैयार बैठे दिखते हैं। इतने तैयार कि लॉटरी जीतने की किसी अपरिचित मेल मिलने पर पढ़े-लिखे लोग उस व्यक्ति के खाते में बिना सोचे-समझे पैसा जमा करवा देते हैं। ज्यादा पाने की चाह में खून-पसीने की कमाई खोने के खतरे की सुध भी नहीं रहती। यह क्यों नहीं सोचा जाता कि जब लॉटरी डाली ही नहीं गई, तो वह निकल कैसे सकती है। अपरिचित लोगों पर इतना भरोसा कर लिया जाता है कि एटीएम कार्ड का पिन तक उन्हें बताने में हिचक नहीं होती। यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि पुलिस के जागरूकता अभियान के बावजूद प्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी तक जागरूक नहीं हो पाया है। चूक और लापरवाही में बहुत थोड़ा अंतर है। अच्छे कदम उठाने में देरी कभी नहीं होती। कहते भी हैं जब जागो, तभी सवेरा। लोगों को ठगों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जागरूक होना होगा। ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचना होगा, जो सपनों के सौदागर बन ठगने की कोशिश करते हैं। लोग चौकस व सजग होंगे तो उन्हें ठगना संभव नहीं है। हर व्यक्ति को सावधान रहना होगा ताकि किसी के गलत मंसूबे कामयाब न हो पाएं। ऐसे मामलों में चुप रहना सबसे बड़ा अपराध है। अगर कुछ गलत हुआ है तो जागरूक नागरिक बनकर तुरंत पुलिस को जानकारी दें। आपकी थोड़ी सी सावधानी से किसी दूसरे की खून-पसीने की कमाई लूटने से बच सकती है।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]