झारखंड सरकार ने महिलाओं के नाम पर अचल संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की स्थिति में रजिस्टे्रशन और स्टांप शुल्क माफ कर दिया है। अब सिर्फ एक रुपये की टोकन राशि पर महिलाओं के नाम जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री होगी। इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा लेकिन इस फैसले का उद्देश्य यह है कि महिलाएं सशक्त बनें। नारी सशक्तीकरण की दिशा में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। राज्य सरकार ने इस दिशा में पूर्व में भी कई काम किए हैं। महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोडऩा, सखी मंडल का निर्माण समेत ऐसे कई प्रयास राज्य में चल रहे हैं जिससे महिलाओं को बल मिलेगा। पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी भी आधी है। यह आबादी के लिहाज से उन्हें मिलने वाला कदम है और इसकी सराहना की जानी चाहिए। महिलाएं तमाम क्षेत्रों में पुरुष संग कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। झारखंड में महिला जनप्रतिनिधियों ने प्रेरणादायी काम किए हैं जो समाज को दिशा दिखा रहे हैं। इन तमाम प्रयासों का यह सकारात्मक असर है कि युवतियां पढ़ाई को प्राथमिकता दे रही हैं। सुदूर ग्र्रामीण इलाकों में भी इसका प्रभाव दिखता है। नाबालिग युवतियों ने शादी का दबाव पडऩे पर इन्कार करने की हिम्मत दिखाई है। यह बढ़ते आत्मविश्वास का परिणाम है। समाज में जब इनकी प्रतिभा और मेहनत को पहचान मिल रही है तो इनकी क्षमता में तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसी बालिकाओं के साहस की राज्य सरकार ने भी प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष भी ऐसे कई मामले आए तो उन्होंने बालिकाओं की हिम्मत को सराहा और आगे बढऩे को प्रेरित किया। ऐसी बालिकाओं के पठन-पाठन का जिम्मा भी राज्य सरकार ने उठाया है। इनकी पढ़ाई आवासीय विद्यालयों में कराई जा रही है जहां पुस्तकें, किताबें समेत पोशाक भी निश्शुल्क उपलब्ध है। अचल संपत्ति की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम निश्शुल्क करने के पीछे बराबरी के भाव को प्रोत्साहित करना है। संपत्ति में महिलाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है। राज्य सरकार के इस फैसले से संपत्ति में महिलाओं की भागीदारी में इजाफा संभावित है। इस फैसले को कानूनी जामा जल्द ही पहनाया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति ली जाएगी। हालांकि अब सिर्फ इस बाबत औपचारिकताएं हीं शेष बची हैं। यकीनन इस मामले में झारखंड ने एक राह दिखाई है। देर-सवेर अन्य प्रदेश भी इसे अंगीकार कर सकते हैं।
------------
बल्र्ब
महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोडऩा, सखी मंडल का निर्माण समेत ऐसे कई प्रयास सरकार के सहयोग से राज्य में चल रहे हैं जिससे महिलाओं को बल मिलेगा।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]