आतंकवाद रोधी दस्ते का गठन स्वागतयोग्य है। इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है कि यह दस्ता अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में कारगर साबित होगा।
------------
पंजाब सरकार का आतंकवाद व गैंगस्टरों के खिलाफ आतंकवाद रोधी दस्ते का गठन एक ऐसा कदम है, जिसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। विगत कुछ समय से प्रदेश में गैंगस्टरों ने तो कानून को ठेंगे पर रखा ही है आतंकियों ने भी राज्य को सुरक्षित पनाहगाह बना लिया है। विगत दिनों गुरदासपुर में नाभा जेल से फरार एक गैंगस्टर ने अपने साथियों के साथ मिलकर दूसरे गैंग के तीन सदस्यों की दिनदहाड़े हत्या कर जहां पुलिस के लिए एक बार फिर से चुनौती खड़ी की, वहीं जालंधर से एक आतंकी का उत्तर प्रदेश की एटीएस द्वारा पकड़ा जाना भी पंजाब पुलिस के लिए किसी सबक से कम नहीं है। यह हैरत की बात है कि जिस आतंकी को उत्तर प्रदेश की एटीएस ने पकड़ा वह जालंधर में ढाई वर्ष से रह रहा था और पंजाब पुलिस व खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि कई आतंकियों ने यहां बैठक करके देश के कई हिस्सों, खासकर उत्तर प्रदेश में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश तक रच ली थी। इसके अतिरिक्त यहां के आतंकियों के तार पाकिस्तान व कुछ अन्य देशों में बैठे आतंकियों से भी जुड़ते रहे हैं और समय-समय पर आतंकियों की गिरफ्तारी इसे पुष्ट भी करती है। निस्संदेह यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। पंजाब ने लंबे समय तक आतंकवाद का संताप झेला है, इसलिए ऐसी किसी भी संभावना को पनपने से पहले ही समय रहते उसे खत्म करना बेहद जरूरी है। यह अच्छी बात है कि प्रदेश सरकार ने आतंकवाद रोधी दस्ते का गठन कर इस दिशा में ठोस कदम उठाया है। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि यह दस्ता आतंकी संगठनों और अपराधी गिरोहों के विरुद्ध कार्रवाई करने में कारगर साबित हो सकता है। सरकार संगठित अपराधी गिरोहों के खिलाफ पंजाब कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्रिमिनल्स एक्ट जैसा कानून बनाने पर भी विचार कर रही है और उम्मीद की जानी चाहिए कि वह ऐसी किसी अवधारण को भी बहुत जल्द धरातल पर अमलीजामा पहना देगी। अब आवश्यकता इस बात की है कि सरकार जो भी कानून बना रही है उसे धरातल पर गंभीरता से लागू करवाए। आतंकवाद रोधी दस्ते को शक्ति और छूट प्रदान करे। ऐसा होने पर ही अपेक्षित परिणामों की उम्मीद की जा सकती है।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]