-----अमृत स्टोर को लेकर सरकार को कई तरह की सतर्कता भी बरतनी होगी, इसका कार्य देखने के लिए समर्पित लोगों को लगाना होगा। -----राजधानी लखनऊ में सोमवार को केंद्र सरकार के सहयोग से अमृत दीनदयाल फार्मेसी के दो स्टोर खुल गए। इस तरह बीएचयू परिसर के बाद किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी दूसरा ऐसा स्थान बन गया जहां केंद्र सरकार की ओर से 70 प्रतिशत तक छूट वाली दवाएं और सर्जिकल उपकरण मरीजों को मिल सकेंगे। इस फार्मेसी के स्टोर में ओरल ब्रांडेड दवाओं के अलावा जेनेरिक दवाएं भी मिलेंगी। साथ ही सर्जिकल उपकरणों में हृदय, घुटने, कूल्हे एवं अन्य हड्डी संबंधी आपरेशनों में काम आने वाले सभी उपकरण और दवाएं बहुत ही सस्ते दामों में मिला करेंगी। सामान्य दुर्घटनाओं के बाद आपरेशन में काम आने वाले उपकरण भी यहां मिलेंगे। पचपन हजार रुपये का इंजेक्शन सिर्फ उन्तीस हजार में और छत्तीस हजार रुपये का इंजेक्शन अठारह हजार में मिलेगा। दवाओं एवं उपकरणों को इतनी रियायत के साथ बेचना इसलिए संभव हो रहा है कि एक तो अमृत फार्मेसी दवा कंपनियों से बिना किसी बिचौलिये के सीधे खरीद कर रही है। ये स्टोर चौबीस घंटे और सातों दिन खुला करेंगे, यहां बाहर के डाक्टरों की पर्ची पर भी दवा और उपकरण मिलेंगे।सरकार चाहती है कि मरीजों की अधिकता को देखते हुए जल्द से जल्द केजीएमयू परिसर में दस और प्रदेशभर में तेईस और ऐसे स्टोर खोले जाने चाहिए। इतने उपयोगी और आर्थिक राहत वाले स्टोर होने के कारण इनकी संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए। प्रदेश में सरकारी तथा गैरसरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या २७ है, जबकि पीजीआइ और लोहिया जैसे बड़े मेडिकल संस्थान भी हैं। इसके अलावा प्रदेश में अत्यधिक मरीज संख्या वाले ऐसे जिला अस्पताल भी हैं, जिनके पास पढ़ाई की सुविधा हो तो वह मेडिकल कालेज बन सकते हैं। ऐसे में सस्ती दवा के लिहाज से उनकी अनदेखी करना भी उचित नहीं होगा। अमृत स्टोर को लेकर सरकार को कई तरह की सतर्कता भी बरतनी होगी, इसका कार्य देखने के लिए समर्पित लोगों को लगाना होगा। उन ब्रांडेड कंपनियों के कॉकस का तोड़ना होगा जो अपनी महंगी दवा बेचने के लिए डॉक्टरों के साथ सिंडिकेट बनाने में माहिर हैं। दवाओं और आपरेशन के उपकरणों की पूरी रेंज रखनी होगी, ताकि किसी एक महत्वपूर्ण दवा या उपकरण की अनुपलब्धता करा कर मरीज के पूरे मुनाफे को न वसूल लें।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]