पंजाब में एक-एक कर आतंकियों के पकड़े जाने से यह बात साफ हो जाती है कि प्रदेश को अशांत करने के प्रयास अब भी जारी हैं। जो आतंकी पकड़े जा रहे हैं उनसे पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि विदेश में बैठे आतंकी संगठनों के प्रमुखों से लगातार वे संपर्क में थे। नवांशहर पुलिस द्वारा पकड़े गए आतंकियों को आतंकी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख की ओर से कनाडा से फंडिंग की बात सामने आई है। मोहाली पुलिस द्वारा चार दिन पहले गिरफ्तार दो आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के संपर्क में थे और प्रदेश में बड़े पैमाने पर ¨हसा फैलाने की साजिश रच रहे थे। सीमा पार बैठे असामाजिक तत्व हमेशा पंजाब को अशांत करने की कोशिश करते रहते हैं।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की लगातार कोशिश रहती है किसी भी प्रकार से पंजाब में आतंकियों की घुसपैठ करवाई जाए। पठानकोट एयरबेस व गुरदासपुर के दीनानगर में आतंकी हमले इस बात के गवाह हैं। पंजाब की करीब साढ़े पांच सौ किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से लगती है। सीमा पार से नशा तस्करी भी होती है। सीमा पर तमाम चौकसी के बावजूद प्रदेश के अंदर नशे की बरामदगी होती रहती है। पंजाब में नशा एक बड़ी समस्या है। प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र के समक्ष कई बार यह मांग की जा चुकी है कि पंजाब की सीमा पर जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान से लगती सीमा जैसी चौकसी व सुरक्षा व्यवस्था की जाए। पंजाब सालों तक आतंकवाद का दंश ङोल चुका है।

काफी कुर्बानियों के बाद प्रदेश में शांति स्थापित हुई है। प्रदेश अब विकास के रास्ते पर है। विकास की यह रफ्तार बनी रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि प्रदेश में अमन-चैन कायम रहे। पंजाब सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी होगी। सीमा सुरक्षा बल के जवानों को अत्याधुनिक उपकरण व हथियार उपलब्ध करवाने के साथ ही केंद्रीय व प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों में तालमेल भी बहुत जरूरी है। सुरक्षा बलों की चौकसी का ही नतीजा है कि आतंकी पकड़े जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश के हालात को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। पंजाब की शांति कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने में तनिक भी देर नहीं की जानी चाहिए।

(स्थानीय संपादकीय पंजाब)