मुस्कराहट एक ऐसी दवा है, जो इंसान को न केवल मुफ्त में मिलती है, बल्कि यह उसके ज्यादातर शारीरिक और मानसिक रोगों के निदान में बहुत कारगर साबित होती है। मुस्कुराते रहने वाले मनुष्य की सेहत दुरुस्त रहती है और उसका मिजाज भी हमेशा बढ़िया रहता है। वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक, मुस्कुराते रहने वाले मनुष्य की उम्र, नहीं मुस्कुराने वाले व्यक्ति की तुलना में ज्यादा होती है। इसका कारण यह है कि मुस्कराने के दौरान निकलने वाले हार्मोन से मनुष्य को तनाव नहीं होता। इस वजह से उसकी हृदय गति सामान्य रहती है और उसका शरीर हमेशा स्वस्थ महसूस करता है। ऐसे व्यक्ति अपना काम भी सहजता और दूसरों के सहयोग से बहुत आसानी से कर लेते हैं, क्योंकि मनुष्य की मुस्कराहट उसके आपसी संबंधों को भी मजबूत करती है। जानवरों से मुस्कराने की उम्मीद नहीं की जा सकती, लेकिन मुस्कुराना मनुष्य का नैसर्गिक गुण है। मुस्कुराहट मनुष्य के चेहरे का श्रृंगार है। मुस्कुराहट न केवल मनुष्य के कार्य करने की क्षमता को बढ़ा देती है, बल्कि आपसी रिश्तों को कायम रखने में भी यह कारगर होती है। मनुष्य के चेहरे पर खिली मुस्कराहट केवल खुशी ही नहीं देती, बल्कि यह लोगों के बीच विश्वास भी बनाती है।
मनुष्य की एक छोटी-सी मुस्कराहट तमाम द्वेषों को खत्म कर सकती है। कहा गया है कि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है, जबकि मुस्कुरा कर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं। इसलिए मुस्कराने से मनुष्यों के बीच सारे गिले-शिकवे मिट जाते हैं। परिवार और समाज में सौहार्द और प्रेम बना रहे, इसलिए हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान खिली रहनी चाहिए। मुस्कुराने वाला व्यक्ति आशावादी और आत्मविश्वासी होता है। ऐसे व्यक्ति सिर्फ परिस्थितियों के सकारात्मक पक्ष को देखते हैं और बुरे विचारों से हमेशा दूर रहते हैं। इसलिए इन्हें प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। मनुष्य की सफलता में उसकी मुस्कराहट का बहुत बड़ा रोल होता है। मुस्कराहट मनुष्य के मन को काम में बांधे रखती है, जिसके कारण उसका ध्यान केंद्रित रहता है और उसमें एक साथ कई सारे कार्यों को करने की क्षमता भी पैदा होती है। मुस्कराते हुए काम करने वाले कर्मचारी को न केवल सभी पसंद करते हैं, बल्कि हर कोई उसकी मदद को भी हमेशा तत्पर रहता है। दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को ही देखना पसंद करता है।
[ शंभूनाथ पांडेय ]