यह घर हरा-भरा सा
अकसर लोगों का सपना होता है कि उनके घर के आसपास खूब हरियाली हो, जब वे उठें तो खिड़की से गार्डन नज़र आए, मगर समय व जगह की कमी के कारण हर किसी का यह सपना सच नहीं हो पाता है।
गार्डनिंग का शौक रखने वालों को किसी भी वजह से निराश होने की ज़रूरत नहीं है। पीजी या फ्लैट में रहने वाले यंगस्टर्स कुछ नए और आसान तरीकों से अपने घरों में बागवानी कर सकते हैं।
- जगह कम होने के कारण उन्हें छोटे गमलों का प्रयोग करना चाहिए। इन्हें आसानी से कहीं भी लगाया और सही रखरखाव किया सकता है।
- मनी प्लांट और क्रीपर्स को बॉटल में भी लगाया जा सकता है। ये कम जगह और साधारण देखरेख में अच्छे से बढ़ सकते हैं। टेराकोटा के पॉट्स कम दाम और वज़न में मिल जाते हैं। ये कलरफुल और डिज़ाइनर होते हैं। इन्हेंं टेबल, विंडो या बैलकनी में भी सजा सकते हैं। बैलकनी के लिए हैंगिंग वाले पौधे भी उपयोग में ला सकते हैं।
- इनडोर गार्डनिंग उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है, जो दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन पर नज़रें गड़ाकर काम करते हैं। वे अगर 20 मिनट भी पेड़-पौधों को दें तो काफी रिलैक्स फील कर सकते हैं। कामकाजी वर्ग सिंपल पौधों का इस्तेमाल कर सकता है, जैसे एलोवेरा, मनी प्लांट, बोन्साई, ऑर्किड, लिली, तुलसी और जैसमिन। ये कम धूप और पानी में अच्छे से बढ़ सकते हैं।
- इनडोर गार्डनिंग में पौधों को ज़्यादा पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे पौधे के सडऩे का डर रहता है। आप पौधों को बाथरूम, किचन, बैलकनी, स्टडी टेबल या खिड़कियों पर लगा सकते हैं। पौधों को ऐसी जगह न रखें, जहां से एसी की हवा बाहर जाती हो।
- फरवरी के महीने में मिट्टी को छूकर पानी की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है। बसंत के समय में अधिकतर फूल वाले पौधे अच्छे से खिलते हैं। इन्हें सही समय पर धूप की ज़रूरत होती है। समय-समय पर इनमें खाद भी डाली जा सकती है। इस मौसम में स्प्रे बॉटल से भी नियमित मात्रा में पानी दिया जा सकता है, जिससे पौधे हमेशा हरे-भरे बने रहेंगे।
दीपाली पोरवाल
(अर्थली क्रिएशंस की फाउंडर
हरप्रीत आहलूवालिया से बातचीत पर आधारित)