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कोहली को आदर्श मानते हैं जुड़वां भाई, क्रिकेट में दिखा रहे हैं कमाल

बचपन से क्रिकेट के प्रति लगन और मेहनत का ही परिणाम है कि आज दोनों भाई आगे बढ़ रहे हैं और क्रिकेट के क्षेत्र में अपना सुनहरे भविष्य की नींव रख रहे हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 09:25 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 06:42 PM (IST)
कोहली को आदर्श मानते हैं जुड़वां भाई, क्रिकेट में दिखा रहे हैं कमाल
कोहली को आदर्श मानते हैं जुड़वां भाई, क्रिकेट में दिखा रहे हैं कमाल

नई दिल्ली [जेएनएन]। खेल के प्रति खिलाड़ी का समर्पण ही उसे और अधिक प्रतिभावान बनाता है। रोहिणी सेक्टर-8 के केंद्रीय विद्यालय के छात्र और आपस में जुड़वां भाई कुछ इसी तरह से क्रिकेट के खेल में अपना भविष्य तलाशते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

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दोनों भाई क्रिकेट में ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने स्कूल स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त किए है। इंटर स्कूल प्रतियोगिता में पिछले तीन वर्षों से अभिषेक और अभिमन्यु अपने कारनामे दिखा रहे हैं। अलग-अलग अकादमी द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में दोनों युवा खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन से सबकी वाहवाही लूटी है। खेलो में बेहतरीन प्रदर्शन को लेकर दोनों भाईयों की अलग-अलग उपलब्धियां हैं।

कई कारनामे कर चुके हैं दोनों भाई 

वर्ष 2016 के जून में अभिषेक ने खन्ना क्रिकेट अकादमी टूर्नामेंट में खेलते हुए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार प्राप्त किया। वहीं, अभिमन्यु ने बालाजी क्रिकेट अकादमी की ओर से खेलते हुए चार विकेट लेकर टीम को जीत दिलाई।

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बचपन से क्रिकेट से लगाव 

ऐसी दर्जनों प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन के साथ अब ये खिलाड़ी नेशनल स्कूल गेम में भी अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का इंतजार कर रहे हैं। बचपन से क्रिकेट के प्रति लगन और मेहनत का ही परिणाम है कि आज दोनों भाई अपने स्तर से लगातार आगे बढ़ रहे हैं और क्रिकेट के क्षेत्र में अपना सुनहरे भविष्य की नींव रख रहे हैं।

विराट कोहली हैं आदर्श

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को आदर्श मानने वाले ये युवा खिलाड़ी पढ़ाई में भी ठीक हैं। सभी विषयों में बेहतर प्रदर्शन कर दोनों बारहवी की परीक्षा में भी उत्तीर्ण हो गए। इंडियन टीम में जगह बनाकर देश के लिए खेलना ही उनका सपना है।

परिवार से मिल रहा समर्थन 

पिता ज्ञानचंद ने बताया कि उनकी खुशी बच्चों की सफलता में है। वे जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, उनका समर्थन हमेशा उनके साथ है। पोस्टल डिपार्टमेंट में कार्यरत ज्ञानचंद युवा अवस्था में ताईक्वांडो खेला करते थे, लेकिन वह उसमें आगे नहीं बढ़ सके। अब वह चाहते हैं उनके दोनों बेटे मुकाम हासिल कर सपनों को पूरा करें। 

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