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PM नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर रेवाड़ी का श्रीकांत बन गया 'फरिश्ता'

24 साल के श्रीकांत के दिल ने 44 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में धड़कना और एक किड़नी ने रिक्शेवाले की पत्नी के शरीर में काम करना शुरू भी कर दिया है। आंखें निरामया आई बैंक में रखी गई हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 07:46 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 08:05 AM (IST)
PM नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर रेवाड़ी का श्रीकांत बन गया 'फरिश्ता'

रेवाड़ी (ज्ञान प्रसाद)। अच्छे लोगों की भगवान को भी जरूरत है। श्रीकांत का जीवन कुछ यही संदेश दे गया। फरवरी 2015 में उनकी शादी पर गांव में स्वच्छता के लिए 51 कूड़ेदान दान किए गए थे। मौत पर चार अंग दान कर दिए गए।

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24 साल के श्रीकांत के दिल ने 44 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में धड़कना और एक किड़नी ने रिक्शेवाले की पत्नी के शरीर में काम करना शुरू भी कर दिया है। आंखें निरामया आई बैंक में रखी गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम से प्रेरित होकर पिछले वर्ष 16 फरवरी को हरियाणा के रेवाड़ी स्थित अकबरपुर निवासी विनोद कुमार ने बेटे विक्रांत और श्रीकांत की शादी में गांव को 51 कूड़ेदान दान किए थे।

ब्रेन हैमरेज से 4 फरवीर को उनका छोटा बेटा मृत घोषित कर दिया गया। बेटे के अंगदान का साहसिक फैसला अब नजीर पेश करने के काम भी आएगा। गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल से बृहस्पतिवार रात ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस युवक का दिल दिल्ली के एस्कार्ट्स और एम्स में किडनी पहुंचाई गई थी।

शुक्रवार शाम श्रीकांत के अंतिम संस्कार में सभी की आंखें नम थीं। पिता की साहसिक पहल की सभी सराहना जरूर कर रहे थे। 4 फरवरी को मृत घोषित किए जाने पर पिता ने उसका दिल, लिवर, आंखें और दोनों किडनी दान कर दी।

पुत्रवधू की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए शादी के बाद भी श्रीकांत की दुल्हन मैके में ही थी। 11 फरवरी को गौना (दुल्हन को अपने घर लाना) होना था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। मां कांता देवी और पिता विनोद की आंखों से आंसू नहीं थम रहे। उन्हें बस यही संतोष है कि बेटा कई घरों में खुशियां देकर विदा हुआ है।

असाधारण प्रयास

बेटे श्रीकांत के अंगदान का फैसला विनोद कुमार का पहला साहसिक कदम नहीं है। इससे पहले भी वह लोगों को प्रेरित करने वाले कई काम कर चुके हैं। गांव में ही बिल्डिंग मटीरियल की दुकान चलाने वाला विनोद मात्र दसवीं पास हैं।

पिछले वर्ष बड़े बेटे विक्रांत और श्रीकांत की एक रुपये दहेज लेकर एक ही घर में शादी की थी। इस मौके पर 51 कूड़ेदान दान किए। बड़ा बेटा विक्रांत दिल्ली पुलिस में है, जबकि श्रीकांत पिता का व्यापार में हाथ बंटाने लगा था।श्रीकांत के शोक संतप्त पिता विनोद कुमार व अन्य परिजन।


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