'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल को लेकर थरूर ने स्मृति पर कसा तंज
केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि उन दिनों "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" धारावाहिक का प्रसारण उसी समय पर होता था और लोग टीवी से चिपके रहते थे। यह इतना मशहूर धारावाहिक था। फिर क्यों हम टीवी धारावाहिक की तुलसी को एचआरडी मंत्रालय में देख रहे हैं।"
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर व्यंग्य कसते हुए थरूर ने कहा, "पिछले दशक के दौरान अफगानिस्तान में रात 8.30 बजे कोई भी किसी अफगान को फोन नहीं कर सकता था।
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इसका कारण यह था कि उन दिनों "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" धारावाहिक का प्रसारण उसी समय पर होता था और लोग टीवी से चिपके रहते थे। यह इतना मशहूर धारावाहिक था। फिर क्यों हम टीवी धारावाहिक की तुलसी को एचआरडी मंत्रालय में देख रहे हैं।"
सीआइआइ की ओर से आयोजित "गर्व करें" वार्षिक सम्मेलन में थरूर ने "भारतीय शास्त्र : हमारे समय की झलक" पर अपने विचार रखे।
कन्हैया को भी नाज है अपने हिंदुस्तानी होने परः थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भी अपने हिंदुस्तानी होने पर नाज है। थरूर ने इसके थोड़े ही दिनों पहले कन्हैया की तुलना भगत सिंह से की थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जब यह युवक खड़ा होता है और कहता है-"मैं चाहता हूं से... आजादी" तो उसका मतलब था जातिवाद, उसका इशारा था पूंजीवाद और आपने उसका पुरजोर विरोध किया। मैं उसका विरोध करने से सहमत नहीं हूं। उसने कभी नहीं कहा कि उसे भारतीय होने पर गर्व नहीं है।"
"इसके विपरीत उसने कहा क्या? उसने कहा कि उसे भारतीय होने पर बहुत गर्व है और वह इसे बेहतरीन जगह बनाने के लिए बदलाव चाहता है। उसे सीमा पर लड़ने वाले जवानों पर भी गर्व है। उसने अपनी मां को कपड़े साफ करते देखा, उसके पिता बिस्तर पर पड़े हैं। मत कहिए मुझे कि उसके परिवार को देश पर गर्व नहीं है।"