हाफिज सईद के संपर्क में था अलगाववादी नेता शब्बीर शाह
ईडी ने दावा किया है कि जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से शब्बीर शाह की आखिरी बार बातचीत जनवरी माह में होने के सबूत मिले हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग (वर्ष 2005) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। ईडी ने दावा किया है कि शाह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के संपर्क में था और उसी के इशारे पर आतंकी गतिविधियों की फंडिंग कश्मीर में होती है।
ईडी ने दावा किया है कि जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से शब्बीर शाह की आखिरी बार बातचीत जनवरी माह में होने के सबूत मिले हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी को भी सह आरोपी बनाया गया है। न्यायाधीश ने आरोपपत्र के आधार पर 27 सितंबर को दोनों आरोपियों को पेश करने के निर्देश दिए हैं। आरोपपत्र में ईडी ने कुल 19 लोगों को सरकारी गवाह बनाया है।
ईडी का कहना है कि शाह ने स्वयं यह बात उनके समक्ष कबूली है कि उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है और वह आयकर रिटर्न भी नहीं भरता है। उसका कहना है कि वह पार्टी की गतिविधियों के लिए केवल स्थानीय लोगों से नकद चंदा लेता है। प्रतिवर्ष उन्हें लोगों से आठ से 10 लाख रुपये का चंदा मिलता है। इस रकम का भी कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता है।
शाह के लिए कमिशन पर काम
वानी के बारे में ईडी ने कहा कि वह पुरानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों से हवाला के माध्यम से भारत आई रकम को उठाता था और उसे कश्मीर भेजता था। वह शाह के लिए कमिशन पर काम करता था। शाह के कहने पर ही वह वर्ष 2003 में दिल्ली आया था।
एनआइए ने आतंकी फंडिंग से जुड़े ताजा मामले में शाह को 25 जुलाई और वानी को छह अगस्त को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2005 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा आतंकी फंडिंग के मामले में वानी को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से 50 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे।
पुलिस ने दावा किया था कि वानी कश्मीर में शब्बीर शाह को 2.25 करोड़ रुपये हवाला नेटवर्क के माध्यम से पहुंचा चुका है। इसी आधार पर ही वर्ष 2007 में ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत यह मुकदमा दर्ज किया था।
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