रिक्शा चालक के बेटे ने एथलेटिक्स में किया कमाल, तोड़ डाला ऑल इंडिया रिकॉर्ड
होनहार युवक निसार जब गोल्ड मेडल ले रहे थे तब उनके पिता रिक्शा चलाने और मां घर के काम में जुटी थीं
नई दिल्ली (जेएनएन)। बकरीद पर जब सब त्योहार मनाने में व्यस्त थे, तो दिल्ली के रिक्शा चालक ननकू अहमद के पुत्र निसार छत्रसाल स्टेडियम में पसीना बहा रहे थे। इसी का नतीजा है कि उन्होंने दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 व 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल कर लिए।
बताया जा रहा है कि जिस समय निसार पदक लेने के लिए मंच की तरफ जा रहे थे उस समय उनके पिता रिक्शा चलाने में और मां घर में काम करने में व्यस्त थीं।
निसार आजादपुर के बड़ा बाग के करीब रेलवे ट्रैक की बस्ती के दस बाई दस के कमरे में रहते हैं। इसी कमरे में उनके मां-पिता और बहन रहती हैं। तीन साल पहले उनकी मुलाकात कोच सुनीता राय से हुई। वह बिना फीस लिए उन्हें कोचिंग दे रही हैं।
ऑल इंडिया स्कूल लेवल के लिए क्वालीफाई करने के लिए निसार ने अंडर-14 इंटर जोन टूर्नामेंट में भाग लिया। इसमें उन्होंने तीन स्वर्ण जीतकर रिकॉर्ड बनाया।
इंटर जोन में क्वालीफाई करने के बाद उन्होंने ऑल इंडिया स्कूल टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया। केरल में हुई प्रतियोगिता में भी निसार ने चार पदक जीते।
पिछले साल दिल्ली राज्य अंडर-16 में स्वर्ण और रजत पदक जीता। दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गेल इंडिया इस खिलाड़ी का प्रायोजक बना।
इलाज नहीं करा पा रहे मां-पिता
ननकू के पैर में 20 साल से परेशानी है, फिर भी वह रिक्शा चलाते हैं। मां को भी चलने-फिरने की समस्या है। निसार की दो बहनें हैं। एक की शादी हो चुकी है तो दूसरे की खातिर मां-पिता पैसे जुटाने में लगे हैं।
यूं तो ननकू हर महीने अधिकतम सात हजार रुपये कमा लेते हैं, लेकिन वह बेटे की जरूरतें पूरी करने की हर संभव कोशिश करते हैं।
पिता की अधिकतम कमाई खर्च करने के बाद भी निसार को भरपूर खाना नहीं मिल पाता है। निसार की मां ने बताया कि बेटा दौड़कर आता है तो गर्मी से बेहाल दिखता है।
इसी को ध्यान में रखकर एक पुराना कूलर खरीदा है। पैसों की किल्लत और महंगी बिजली के चलते बड़ा कूलर नहीं ला पा रही हैं।