Ban on PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का निकला शाहीन बाग और जामिया से कनेक्शन
Ban on PFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई छापेमारी की कार्रवाई में पता चला है कि समूची दिल्ली में पीएफआइ की जड़ें मजबूत हैं। इसके साथ-साथ जामिया इलाके और शाहीन बाग में पीएफआइ से जुड़े कई लोग सक्रिय हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।। Ban on PFI: गैरकानूनी संस्था घोषित होने के साथ ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) को आगामी 5 साल के लिए बैन कर दिया गया है। पिछले कई दिनों की छापेमारी में सबूतों के मिलने के बाद केंद्र सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।
पीएफआइ का गढ़ है शाहीनबाग और जामिया
पीएफआइ ने वैसे तो पूरी दिल्ली में अपनी जड़ें फैला रखी हैं, लेकिन शाहीनबाग और जामिया थाना क्षेत्र इनका गढ़ बन चुका है। इसके अलावा उत्तर और पूर्वी जिले में भी यह संगठन तेजी के साथ अपना विस्तार करने में जुटा हुआ था। यह बात दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद सामने आई है।
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30 संदिग्ध इन्हीं इलाकों से पकड़े गए थे
दिल्ली पुलिस ने जिन तीस सदस्यों को पकड़ा है। उनमें सबसे अधिक इन्हीं क्षेत्रों से दबोचे गए हैं। सूत्र बताते हैं कि इन जिलों में पीएफआइ ने जोन स्तर के कार्यालय भी बना रखे हैं, जिनमें तीन से पांच जिलों के सदस्यों की बैठक होती थी।
घरों के बाहर तैनात किए गए थे अर्धसैनिक बलों के जवान
सुरक्षा एजेंसियों से दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला था कि कार्रवाई के दौरान हिंसा हो सकती है। इसे देखते हुए पूरे इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों व अर्धसैनिक बल को तैनात किया गया था। छापेमारी वाले इलाके में लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। इन गलियों में जिन लोगों के घर हैं, उनकी एंट्री करने के बाद प्रवेश दिया गया।
दक्षिण-पूर्वी जिले में आगामी 17 नवंबर तक धारा 144 लागू
उधर, राजधानी दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई से पहले ही सर्कुलर जारी कर जामिया मिल्लिया के छात्रों को किसी भी तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की चेतावनी दे दी गई। दक्षिण-पूर्वी जिले में 19 सितंबर से 17 नवंबर तक धारा 144 लागू रहेगी, इसलिए हर तरह के प्रदर्शन और आंदोलन पर यहां रोक है। इसके उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।
शिक्षकों ने जताया रोष
टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को काले मास्क पहनकर दिल्ली पुलिस व जामिया के खिलाफ रोष जताया। शिक्षकों का कहना था कि विभिन्न मुद्दों को लेकर उन्हें मंगलवार को प्रदर्शन करना था, लेकिन निशेधाज्ञा के चलते उनका प्रदर्शन नहीं हो सका। यह उनकी आवाज दबाने जैसा है। इस दौरान जेटीए के अध्यक्ष प्रो. माजिल जमील, उपाध्यक्ष प्रो. नफीस अहमद, सेक्रेटरी डा. मोहम्मद इरफान कुरेशी, ज्वाइंट सेक्रेटरी डा. साइका इकरम, डा. आरिफ मोहम्मद, डा. राजन पटेल, डा. शिखा कपूर, डा. मोहसिन अली आदि मौजूद रहे।