फिलहाल डीजल वाहनों पर देश के अन्य शहरों में रोक नहीं : NGT
NGT ने कहा कि सभी राज्यों के वकील अगर कल तक 'कौन सा शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित' नहीं बता पाते तो मुख्य सचिव के खिलाफ वारंट जारी कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नौ राज्यों के 15 बड़े शहरों में प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र के आग्रह अपने रुख में नरमी दिखाई है। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली और केरल के बाद देश के अन्य शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।
टिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए मंगलवार को कहा कि फिलहाल वह और शहरों में किसी वाहन पर प्रतिबंध नहीं लगाने जा रहे हैं। उन्होंने सभी राय सरकारों से विभिन्न शहरों में प्रदूषण का स्तर पूछा है।
एक बार आंकड़े आने के बाद वह विभिन्न पक्षों को सुनेंगे और फिर कोई फैसला लेंगे। टिब्यूनल ने सभी रायों के सभी संबंधित सचिवों को तीन हफ्ते में अपने क्षेत्र के दो सबसे प्रदूषित शहरों के नाम का हलफनामा देने को कहा है। साथ ही जिले में कुल आबादी और वाहनों का घनत्व भी पूछा है।
उल्लेखनीय है कि विगत सोमवार को भारी उद्योग मंत्रलय की ओर से एडीशनल सॉलीसिटर जनरल पिंकी आनंद ने एनजीटी से पूछा था कि क्या वह 2000 सीसी वाहनों के रजिस्ट्रेशन को अन्य शहरों में भी प्रतिबंधित करने जा रहे हैं।
वहीं, सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल सोसाइटी की ओर से पेश वकील एएम सिंघवी ने भी अन्य महानगरों में डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए अकेले डीजल जिम्मेदार नहीं है। धूल और आग जलाने की घटनाएं भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।
एनजीटी ने मांगा था 11 शहरों का पॉल्यूशन डाटा
देश के 11 बड़े शहरों में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को आदेश दिया था कि वो 11 बड़े शहरों के एयर क्वालिटी का डाटा एनजीटी को आज देना था, जिन शहरों का डाटा मांगा गया है उसमें लखनऊ, पटना, पुणे, बंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कानपुर, जालंधर, वाराणसी, अमृतसर शामिल हैं।