जमीन बेच आतंक में लगाया था पैसा, सामने आया सैफुल्ला का एक और सच
सैफुल्ला ने बम बनाना सीखने के लिए इंटरनेट से आईएस की पत्रिका द विक और अलकायदा की पत्रिका को डाउनलोड किया। इसके बाद पत्रिका से बम बनाने की तरकीब सीखी।
नोएडा (जेएनएन)। इस्लामिक स्टेट्स इन ईराक एंड सीरिया (ISIS) से प्रेरित आतंकी सैफुल्ला व उसके साथी आपस में ऑनलाइन कॉल एप्लीकेशन से संपर्क करते थे। वह एक-दूसरे से मोबाइल नंबर से संपर्क नहीं करते थे। इसी कारण यह दो साल तक सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर नहीं आए।
यह जानकारी लखनऊ एनकाउंटर में सैफुल्ला के मारे जाने के बाद मध्य प्रदेश में पकड़े गए उसके साथियों से पूछताछ में एटीएस को मिली है। जिसके बाद एटीएस यूपी समेत तमाम एजेंसियां ऑन लाइन कॉल एप्लीकेशन का संचालक करने वाले एक्सचेंज के बारे में पता लगाने में जुट गई हैं। जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा ऐसे एक्सचेंज संचालकों को गिरफ्तार किया जा सके।
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भारत में भी फर्जी एक्सचेंज संचालन की संभावना
आतंकियों के आपस में ऑनलाइन कॉल एप्लीकेशन से संपर्क करने की जानकारी के बाद इसकी जांच प्रारंभ हुई। जिसमें पता चला है कि सिम बॉक्स के माध्यम से ऐसे एक्सचेंज का संचालन भारत में भी हो रहा है। नोएडा एटीएस के अधिकारी ऐसे एक्सचेंज का पता लगाने में जुट गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में भी एक्सचेंज संचालन की संभावना है।
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इस तरह काम करता है ऑनलाइन कॉल एप्लीकेशन
इंटरनेट पर एक दर्जन से ज्यादा ऑनलाइन कॉल एप्लीकेशन उपलब्ध हैं। जिसमें कुछ मुफ्त तो कुछ डालर में खरीदे जाते हैं। इस एप्लीकेशन से होने वाले कॉल को सुरक्षा एजेंसियां ट्रैक नहीं कर पाती। साथ ही कॉल करने पर फोन नंबर विदेश का शो होता है। साथ ही कॉल डिटेल निकालने पर भी ऐसा प्रतीत होता है कि फोन विदेश से आया और गया है। ऐसे में फोन करने वालों को पकड़ पाना संभव नहीं हो पाता है।
सीरिया में आईएस आतंकी को भेजते थे विडियो
सैफुल्ला और उसके साथियों ने कई जगह रेल पटरियां उड़ाई हैं। जिसके बाद हुई तबाही का विडियो बनाकर सीरिया के आईएस आतंकी को भी भेजा है। सैफुल्ला व उसके साथी विडियो भेजकर खुद को सीरिया बुलाने की गुहार लगाते थे।
आईएस की पत्रिका से बम बनाना सीखे
सैफुल्ला व उसके साथी बम बनाना नहीं जानते थे। बम बनाना सीखने के लिए उन्होंने इंटरनेट से आईएस की पत्रिका द विक और अलकायदा की पत्रिका को डाउनलोड किया। दोनों पत्रिका से आतंकियों ने बम बनाने की तरकीब सीखी।
जमीन बेचकर आतंक में लगाया पैसा
सैफुल्ला का दाहिना हाथ जाजमऊ कानपुर का रहने वाला आतिफ है। आतिफ ही आतंकी गतिविधि के लिए पैसे का इंतजाम करता था। उसने दो साल पहले कानपुर में जमीन बेचकर उसमें मिले 20 लाख रुपये से हथियारों की खरीदारी की। साथ ही पूरे गैंग का खर्च वही उठा रहा था। सीरिया जाने के लिए पैसे का इंतजाम भी यही कर रहा था।
8 मार्च को एनकाउंटर में मारा गया था सैफुल्ला
7 मार्च की सुबह भोपाल के पास भोपाल-उज्जैन सवारी गाड़ी मे बम धमाका हुआ था। इसमे 10 लोग घायल हो गए थे। बम धमाका करने वाले आतकी सैफुल्ला को उत्तर प्रदेश एटीएस और लखनऊ पुलिस ने 8 मार्च को मुठभेड़ मे मार गिराया था।
इसके बाद विभिन्न जांच एजेंसियों ने एक सप्ताह में विभिन्न स्थानों से आतिफ, गौस मोहम्मद, अजहर, आसिफ, सैयद मीर हुसैन और मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार किया। सभी को भोपाल में रखा गया है। जिनसे पूछताछ करने यूपी एटीएस की नोएडा यूनिट भी गई थी।
एटीएस अधिकारियों का कहना है कि सैफुल्ला से जुड़े 29 आतंकियों की जानकारी मिली हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए मैनपुरी, इटावा, इलाहाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी हो रही है।