यूपी में हैवानियत: रोती हुई बोली थी- तुम्हारी मां की उम्र की हूं फिर भी नहीं पिघला दिल
गैंगरेप पीड़ितों में से एक की भाभी के मुताबिक, बदमाशों के सामने आते और उनके हाथों में हथियार देखकर हमारी आंखों के सामने मौत का मंजर घूमने लगा।
नोएडा (जेएनएन)। 24 मई की रात 1:30 बजे के आसपास जब लोग गहरी नींद में रहे होंगे उस समय दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर स्थित जेवर-बुलंदशहर हाई-वे पर इंसानियत शर्मसार हो रही थी। यहां एक ही परिवार की 4 महिलाओं के साथ बदमाशों ने गैंगरेप किया। वहीं, विरोध करने पर परिवार के मुखिया की हत्या कर दी।
वारदात के दौरान महिलाएं हैवानियत के रंग में रंगे बदमाशों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए और चार महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया।
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पीड़ितों में से एक 50 साल की महिला ने भी गिड़गिड़ाकर कहा- 'मैं तुम्हारी मां जैसी हूं बेटा मुझे तो बख्श दो।' परिवार के अन्य लोग भी गुहार लगाते रहे कि रुपये-गहने सब ले लो, लेकिन महिलाओं को छोड़ दो, लेकिन दरिंदे नहीं माने।
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गैंगरेप पीड़ितों में से एक की भाभी के मुताबिक, बदमाशों के सामने आते और उनके हाथों में हथियार देखकर हमारी आंखों के सामने मौत का मंजर घूमने लगा। लगा कहीं अगला पल ही अंतिम न हो। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते बदमाशों ने हथियारों के बल पर सभी को बंधक बना लिया।
जमीन की ओर सिर करके बैठाया
घुप्प अंधेरा व दूर-दूर तक सुनसान क्षेत्र ने हमारे हौसले को और पस्त कर दिया। हल्का विरोध करने पर बदमाशों ने हमारी पिटाई शुरू कर दी। सड़क से सौ मीटर दूर खेतों में लेकर जाकर सभी को जमीन की ओर सिर कर बैठ जाने को कहा।
पीड़ित परिजन के मुताबिक, हमने कहा, आपको पैसा, जेवर जो लेना है ले लो, लेकिन हमें छोड़ दो। बदमाशों ने मिन्नत नहीं सुनी। इसके बाद हमें अनहोनी की आशंका सताने लगी।
बदमाशों ने हमारी ही चुन्नी फाड़कर अलग-अलग सभी के हाथ-पैर बांध दिए। जहां पर सभी को बांध रखा था उससे कुछ दूर एक-एक महिला को ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म करने लगे। हम गिड़गिड़ाए, मिन्नत की, उनके पैर पकड़े। उनसे कहा- तुम लोगों की मां की उम्र की हूं, लेकिन बदमाशों ने हमारी एक न सुनी।
हमारे देवर ने विरोध किया तो बदमशों ने पहले हमें डराने के लिए एक गोली जमीन में मारी। दोबारा विरोध करने पर उसके सीने में गोली मार दी। पास में ही देवर तड़पता रहा और हम लाचार थे। परिजनों के सामने हमारे साथ दुष्कर्म किया।
जहां एक तरफ बगल में देवर की लाश पड़ी हुई थी, वहीं दूसरी तरफ हमारी इज्जत तार-तार हो रही थी। दूर सड़क से वाहन गुजर रहे थे। न तो हमारी आवाज उन तक पहुंच रही थी और न ही वह अंधेरे में हमें देख सकते थे।
बदमाशों ने लगभग डेढ़ घंटे तक हैवानियत का नंगा खेल खेला। डेढ़ घंटे बाद सड़क से पुलिस का वाहन भी गुजरा, लेकिन डर के कारण हम शोर भी नहीं मचा सके।
हमें लगा बदमाश और लोगों की भी हत्या न करे दें। बाद में जब पुलिस के दो-तीन वाहन खेतों में उतरे तो बदमाशों ने शोर मचाने पर गोली मारने की धमकी दी और खेतों में ही भाग गए। दो घंटे तक मौत को सामने देखने की दहशत अभी भी आंखों में है।
एक पीड़ित के मुताबिक, बुलंदशहर के अस्पताल में भर्ती गर्भवती बहन को देखने के लिए परिवार का मुखिया अन्य लोगों के साथ कार से जा रहा था। वाहन में उसके साथ उसकी पत्नी, बहन, भाभी व कार चालक की पत्नी समेत परिवार के अन्य सदस्य सवार थे।
जब बदमाशों ने उसकी आंखों के सामने परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ व दुष्कर्म शुरू कर दिया तो उसका दिल दहल गया। गुस्से से लाल-पीला होते हुए उसने विरोध शुरू कर दिया। वह शोर मचाने लगा और लगातार विरोध करता रहा। बदमाशों को लगा, यह कुछ गड़बड़ कर सकता है।
बदमाशों ने पहले उसे डराकर चुप कराने का प्रयास किया, लेकिन वह भिड़ता चला गया। इससे भयभीत बदमाशों ने उसके सीने में गोली मार दी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।