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तैयारीः देश के 19 राज्यों के साथ जुड़ेगा उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का डाटा

इससे मतदाता सूची में गड़बड़ी पर अंकुश लग जाएगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर मतदाता सूची में नाम शामिल कराने में काफी सहुलियत होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 09:28 PM (IST)
तैयारीः देश के 19 राज्यों के साथ जुड़ेगा उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का डाटा
तैयारीः देश के 19 राज्यों के साथ जुड़ेगा उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का डाटा

नोएडा (अरविंद मिश्रा)। उत्तर प्रदेश 15 अगस्त तक उन राज्यों की सूची में शुमार कर लेगा, जिनके मतदाताओं का डाटा ऑनलाइन होने के साथ आपस में जुड़ा होगा। निर्वाचन आयोग इसके लिए ईआरओ नेट सॉफ्टवेयर को अपडेट करा रहा है। मतदाता सूची में गड़बड़ी पर अंकुश लग जाएगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर मतदाता सूची में नाम शामिल कराने में काफी सहुलियत होगी।

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मतदाता सूची में नाम शामिल कराना होगा आसान

राज्य बदलने पर मतदाता सूची में नाम शामिल कराने की प्रक्रिया फिलहाल काफी लंबी है। व्यक्ति से आवेदन मिलने के बाद प्रशासन इस जानकारी को उस राज्य में भेजता है, जहां पहले से मतदाता सूची में व्यक्ति का नाम दर्ज है।

वहां की मतदाता सूची से नाम हटने के बाद व्यक्ति का नाम वर्तमान स्थान की मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। यह प्रक्रिया ऑफ लाइन होने की वजह से इसमें अधिक समय लगता है।

19 राज्य पहले ही जुड़ चुके हैं ईआरओ नेट से

देश के 19 राज्यों में मतदाताओं का डाटा ऑनलाइन होने के साथ आपस में जुड़ चुका है। इसी सूची में उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल होने जा रहा है। पंद्रह अगस्त तक आयोग के सॉफ्टवेयर अपडेट की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके पूरा होने से लोगों को काफी सुविधा होगी।

अगर कोई व्यक्ति अपने राज्य से उत्तर प्रदेश में आकर रहता है और वह मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवेदन करेगा तो उसे अधिक दिन इसके लिए इंतजार नहीं करना होगा।

आवेदन मिलने के बाद व्यक्ति से संबंधित डाटा को उस राज्य को ऑनलाइन भेजा जाएगा, जहां की मतदाता सूची में उसका नाम दर्ज है। संबंधित राज्य की मतदाता सूची से व्यक्ति का नाम हटाने जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन उसका नाम अपने यहां की मतदाता सूची में शामिल कर लेगा।

अभी तक ईआरएमएस पर है मतदाताओं का डाटा

निर्वाचन आयोग अभी तक ईआरएमएस साफ्टवेयर का प्रयोग कर रहा है। इसके तहत मतदाताओं का डाटा जिला स्तर पर ही ऑनलाइन मौजूद है। मतदाताओं का डाटा ईआरएमएस से ईआरओ नेट पर अपडेट किया जा रहा है। इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।

मतदाता सूची में रुकेगा फर्जीवाड़ा

इसका सबसे अधिक फायदा मतदाता सूची के शुद्धिकरण में होगा। एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम शामिल होने के मामले में कमी आएगी।

आमतौर पर लोग नई जगह पर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करा लेते हैं, लेकिन पहले से दर्ज नाम को विलोपित नहीं कराते हैं। इसका असर मतदान फीसद पर पड़ता है। उसका सही आंकलन नहीं हो पाता है।

हालांकि पूर्व में भी प्रदेश में सॉफ्टवेयर अपडेट की योजना तैयार की गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डाटा में होने वाली गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था।

एडीएम प्रशासन कुमार विनीत का कहना है कि निर्वाचन आयोग सॉफ्टवेयर अपडेट करा रहा है। प्रदेश की पूरी मतदाता सूची ऑनलाइन होने के साथ ही अन्य राज्यों से भी जुड़ जाएगी। इन राज्य में अगर मतदाता का नाम पहले से दर्ज है तो उसकी पहचान करना आसान होगा।


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