डीयू से अलग होना चाहते हैं ट्रस्ट के कॉलेज, शिक्षकों को होगा नुकसान!
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कई कॉलेज इससे अलग होना चाहते हैं। यदि ऐसा हुआ तो इसमें सबसे अधिक नुकसान शिक्षकों का होगा।
नई दिल्ली [अभिनव उपाध्याय]। देश के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कई कॉलेजों ने इससे अलग होने की इच्छा जताई है। ये सभी कॉलेज ट्रस्ट के हैं जिनकी संबद्धता दिल्ली विश्वविद्यालय से है। इस बाबत एक पत्र कार्यकारिणी के सदस्य ने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन की अध्यक्ष नंदिता नारायण को लिखा है जिसमें इनके स्वायत्त होने या प्राइवेट संस्थान बनाए जाने की इच्छा पर चिंता जताई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दौलतराम कॉलेज, श्रीराम कॉलेज आफ कामर्स, लेडी श्रीराम कॉलेज सहित अन्य कॉलेज भी कतार में हैं। मंगलवार को यह पत्र डीयू के शिक्षक संगठन ने डूटा अध्यक्ष को भेजा है। हालांकि डीयू के कॉलेजों ने इससे साफ मना किया है।
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एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट के अध्यक्ष डा.आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि हमें डीयू के ट्रस्ट वाले कॉलेजों द्वारा स्वायत्तता की मांग पर सहसा विश्वास नहीं हो रहा है लेकिन हमें इस बारे में पता चला है कि यहां के कई प्रतिष्ठित कॉलेज डीयू से अलग होना चाहते हैं इसके लिए वह उच्चस्तर पर अपनी बात रख रहे हैं।
डीयू से यदि ये कॉलेज स्वायत्त होते हैं या निजी रूप से संचालित होते हैं तो इसमें सबसे अधिक नुकसान शिक्षकों का होगा। जब हमें यह जानकारी मिली तबसे हमने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। ये कॉलेज डीयू से अलग होते हैं तो यह यहां की संघीय व्यवस्था को बडा झटका है।
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डूटा कार्यकारिणी के सदस्य डा.राजेश झा सहित अन्य सदस्यों ने इस बाबत डूटा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।कार्यकारिणी के सदस्य डा.राजेश झा ने बताया कि हमें जैसे ही जानकारी मिली डूटा अध्यक्ष के संज्ञान में यह मामला लाया गया। हम हर संभव प्रयास करेंगे कि दिल्ली विश्वविद्यालय का स्वरूप किसी भी हालत में बदलने न दिया जाए।
सरकार से मिलजुलकर के निजीकरण का काम किया जा रहा है जिसका हम पुरजोर विरोध करेंगे। इस बाबत लेडी श्रीराम कॉलेज की प्रिंसिपल डा.सुमन शर्मा ने कहा कि यह बेबुनियाद खबर है। इस तरह का कोई प्रस्ताव किसी को नहीं दिया गया है और इसका सवाल ही नहीं उठता। इसी तरह की प्रतिक्रिया हिंदू कॉलेज के चेयरमैन एसएन पुंज ने भी दी और उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।