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जानें, दिल्‍ली की बिगड़ती आबोहवा की सेहत सुधारने में यह एप कैसे होगा मददगार

ठंड की दस्तक के साथ ही बिगड़ती आबोहवा की सेहत सुधारने में अब आप भी मददगार की भूमिका अदा कर सकते हैं। एनवायरनमेंट पोल्यूशन कंट्रोल ऑथारिटी (ईपीसीए) की ओर से शुरू किए जा रहे नए एप से जुड़कर आप भी इसके हिस्‍सा हो सकते हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 06:11 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 07:35 AM (IST)
जानें, दिल्‍ली की बिगड़ती आबोहवा की सेहत सुधारने में यह एप कैसे होगा मददगार

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नई दिल्ली [ जेएनएन ] । दिल्ली-एनसीआर में ठंड की दस्तक के साथ ही बिगड़ती आबोहवा की सेहत सुधारने में अब आप भी मददगार की भूमिका अदा कर सकते हैं। एनवायरनमेंट पोल्यूशन कंट्रोल ऑथारिटी (ईपीसीए) की ओर से शुरू किए जा रहे नए एप से जुड़कर आप भी इसके हिस्सा हो सकते हैं।

प्रदूषण के प्रमुख कारण सड़क की धूल, आवश्यक नियमों के विरुद्ध जारी निर्माण कार्य व खुले में कूड़ा व पत्तियां जलाने के मामलों में जन सामान्य की भागीदारी और प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हवा बदलो एप शुक्रवार से शुरू हो रहा है।


एनवायरनमेंट पोल्यूशन कंट्रोल ऑथारिटी (ईपीसीए) की ओर से शुरू किए जा रहे इस एप की मासिक आधार पर रिपोर्ट भी तैयार होगी।

ईपीसीए के इस एप के विषय में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के रिसर्च एसोसिएट पोलाश मुखर्जी ने बताया कि अभी तक प्रदूषण के मुख्य कारकों से निबटने के मामलों में सरकारी एजेंसियों की भूमिका की पड़ताल आसान नहीं थी।

कोई आम नागरिक यदि इसके लिए शिकायत करना भी चाहे तो प्रक्रिया इतनी मुश्किल थी कि अव्वल तो इस दिशा में प्रयास ही नहीं करता था।

ऐसे में यदि शिकायत कर भी दी तो समाधान हुआ या नहीं इसकी पड़ताल बेहद कठिन थी। पोलाश ने बताया कि हवा बदलो एप इस aaमामले में एक बेहतर विकल्प साबित होने जा रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत स्पष्ट रूप से ईपीसीए को निर्देश दिया गया था कि वो प्रदूषण को कम करने की दिशा में निगरानी पर भी जोर दे।

इस एप में खासतौर पर प्रावधान किया गया है कि जैसे ही आप किसी भी तरह की शिकायत की जानकारी देते है तो संबंधित फोटो के साथ उस स्थान की जीपीएस लोकेशन संबंधित अधिकारी के पास चली जाएगी।

ऐसे में आपकी शिकायत सीधे अधिकारी के पास पहुंचने से इस बात की पड़ताल भी आसान है कि समस्या का निदान हुआ या नहीं।

इस एप में समस्या का निदान होने पर इस बात की सुविधा भी है कि संबंधित अधिकारी कार्रवाई किए जाने की जानकारी भी उपलब्ध करा सकता है। इस तरह शिकायतकत्र्ता को इस बात की संतुष्टि होगी उसकी शिकायत से प्रदूषण पर अंकुश लगा।

यहां बता दें कि ईपीसीए की ओर से हर माह इस एप के माध्यम से आने वाली शिकायतों और उनके आधार पर होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट सीधे संंबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी। इस तरह कोताही बरतने वाले आधिकारियों की पहचान और कार्रवाई करना आसान होगा।


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