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सपा कुनबे में जारी है शह और मात का खेल, मोहरा बने अधिकारी

गौतमबुद्ध नगर में चपरासी से लेकर डीएम, एसएसपी, प्राधिकरण के चेयरमैन, सीईओ तक के पदों पर लखनऊ के इशारे से तैनाती होती है। कुर्सी जाने के भय से अधिकारियों की नीद उड़ चुकी है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 05:12 PM (IST)
सपा कुनबे में जारी है शह और मात का खेल, मोहरा बने अधिकारी

नोएडा, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी की कलह चरम पर पहुंच चुकी है। संगठन व सरकार में घटनाक्रम तेजी से बदलता नजर आ रहा है। लखनऊ के घमासान में कई महारथी तिनके की तरह उड़ गए। घमासान से गौतमबुद्ध नगर जिले में तैनात अधिकारियों को दिवाली अंधेरी होती दिख रही है।

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कुर्सी जाने के भय से अधिकारियों की नीद उड़ चुकी है। दिनभर अधिकारी टीवी और निजी स्रोतों से लखनऊ की जानकारी लेते रहे। हर सूचना के साथ उनके चेहरे का रंग बदल रहा है। अधिकारी इसी कशमकश में हैं कि अगले दिन तक कुर्सी रहेगी या नहीं। परिवार की आंधी से खुद को बचाने के लिए अधिकारी सहारा तलाशने में जुट गए हैं।

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विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग अर्से से एक की जगह पर जमे अधिकारियो की कुर्सी को हिला सकता है, लेकिन आयोग के कदम से पहले ही अधिकारियों को कुर्सियां डोलती नजर आ रही हैं। एनसीआर में गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद जिला अधिकारियों की तैनाती के लिहाज से काफी अहम है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि प्रदेश में थोक के भाव अधिकारियों के तबादलों की सूची में गौतमबुद्ध नगर के अधिकारी शामिल नहीं होते।

गौतमबुद्ध नगर में चपरासी से लेकर डीएम, एसएसपी, प्राधिकरण के चेयरमैन, सीईओ तक के पदों पर लखनऊ के इशारे से तैनाती होती है। तैनाती दिलाने में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव, शिवपाल यादव से लेकर धर्मेंद्र यादव व साधना गुप्ता का सीधा हस्तक्षेप होता है। पहुंच की हनक में अधिकारी व कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारी को कोई भाव नहीं देते।

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अधिकारियों में भी इस कदर भय होता है कि वे किसी के खिलाफ सीधे कार्रवाई की बजाए लखनऊ से इशारा मिलने के बाद ही हिमाकत जुटा पाता है। कुछ दिन पहले परिवार में मचे घमासान से ही प्राधिकरण चेयरमैन पद से प्रवीर कुमार को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था।

प्रवीर कुमार मुख्यमंत्री अखिलेश की पसंद थे। सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन मुख्य सचिव दीपक सिंघल व शिवपाल यादव को उनकी प्राधिकरण में तैनाती अखर गई थी। इस वजह से उन्हें कुछ दिनों में ही चलता कर दिया गया। जिले में तैनात अधिकारी किसी न किसी खेमे से जुड़े हैं, लेकिन सपा कुनबे में जिस तरह से शह मात का खेल खेला जा रहा है। अधिकारी इस खेल के मोहरा बन चुके हैं।

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अधिकारियो को भय इस बात का है कि कल तक कुर्सी सलामत रहेगी भी या नही। कामकाज छोड़कर अधिकारी लखनऊ में तेजी से बदलते घटनाक्रम पर नजरें गड़ाए हैं। आगामी दिनों में कई अधिकारियों का विकेट गिरने के पूरे आसार हैं।

सूत्रों की मानें तो नोएडा व ग्रेटर नोएडा में इस समय ज्यादातर अधिकारी मुख्यमंत्री और प्रो. रामगोपाल खेमे के हैं। नोएडा में तैनात एक बड़ा पुलिस अफसर शिवपाल खेमे का माना जाता है। कई बार उसका तबादला हुआ, लेकिन हर बार वह अपना तबादला रुकवाने में कामयाब रहे।


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