CM v/s DCM: मनीष सिसोदिया ने कहा- LG को फाइल भेजने से पहले मेरी मंजूरी लें
मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि अगर ऐसा कोई आदेश या निर्देश जारी करना अपरिहार्य हो तो संबद्ध अधिकारी ईमेल, टेलीफोन आदि से उनसे मंजूरी ले लें।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजनिवास और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर फिर तनातनी हो सकती है। इसका कारण उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का निर्देश है, जिसमें उन्होंने कानून विभाग से जुड़ी कोई भी फाइल उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल के पास भेजने से पहले दिखाने को कहा है।
कानून मंत्री सिसोदिया ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एलजी कार्यालय द्वारा कोई भी फाइल तलब करने पर उसे भेजने से पहले मुझसे मंजूरी लें। इतना ही नहीं, उन्होंने अधिकारियों को उनकी मंजूरी के बिना लिखित या मौखिक कोई भी निर्देश जारी नहीं करने को कहा है।
मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि अगर ऐसा कोई आदेश या निर्देश जारी करना अपरिहार्य हो तो संबद्ध अधिकारी ईमेल, टेलीफोन आदि से उनसे मंजूरी ले लें। केजरीवाल सरकार का शुरू से ही राजनिवास के साथ प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र को लेकर टकराव चलता रहा है।
दिसंबर 2016 में आए बैजल के साथ सरकार का सीधा टकराव अब तक नहीं हुआ था। मनीष सिसोदिया ने यह आदेश दिल्ली सरकार के दो वकील राहुल मेहरा और नौशाद अहमद खान के बीच हाई कोर्ट में एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान तीखी नोकझोंक के चार दिन बाद जारी किया है।
दोनों वकील खुद को मुकदमे का मुख्य अधिवक्ता बताते हुए झगड़ बैठे थे। नौशाद अहमद खान का दावा था कि वह एलजी के अधीन आने वाले दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के सरकारी वकील होने के नाते सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वहीं, राहुल मेहरा का दावा था कि सरकार के वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता होने के नाते उन्होंने पैरवी के लिए किसी अन्य वकील को नियुक्त किया था।