दिल्ली के मैडम तुसाद म्यूजियम में कपिल देव की भी लगेगी मूर्ति
कपिल देव की मूर्ति लगाने की तैयारी की कड़ी में मैडम तुसाद की टीम ने उनके साथ बातचीत की। जहां पर उनका माप लिया गया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में खुलने वाले मैडम तुसाद संग्राहलय ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव की मोम की मूर्ति लगाने का एलान किया है। माना जा रहा है कि यहां पर इस क्रिकेट की मूर्ति लगने से इस संग्रहालय का नाम और रुतबा दोनों बढ़ेगा।
कपिल देव की मूर्ति लगाने की तैयारी की कड़ी में मैडम तुसाद की टीम ने उनके साथ बातचीत की। जहां पर उनका माप लिया गया।
मैडम तुसाद की टीम से मुलाकात के दौरान कपिल देव कहा कि वह अपने प्रशंसकों को धन्यवाद करना चाहते हैं, जिसकी वजह से यह सब हो रहा है। मैं बहुत खुश हूं कि मैं भी ऐसे महान लोगों की फेहरिस्त में शामिल होऊंगा।
कपिल देव ने कहा कि मैडम तुसाद की टीम से मुलाकात यादगार रही। मैं अपनी मूर्ति देखने के लिए बेहद उस्ताहित हूं। मैंने पूरे जीवन में क्रिकेट जी और सांस ली है और आज मैं हर क्रिकेटर को एक सफल सफर की शुभकामनाएं देता हूं।
मोम की मूर्तियों के लिए दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित करने वाला मैडम तुसाद का संग्रहालय (म्यूजियम) अब भारत के नई दिल्ली के कनाट प्लेस में खुलने जा रहा है। मैडम तुसाद के संग्रहालय से पर्यटन को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में दुनिया भर की दो हजार मशहूर हस्तियों के मोम के पुतले रखे हुए हैं। इसमें असाधारण रूप से जीवंत दिखने वाले पुतले रखे हैं जो बेहद कुशल कारीगरी के नमूने हैं। इसके दिल्ली स्टूडियो में बॉलीवुड और हॉलीवुड सहित विविध क्षेत्रों की हस्तियों के मोम के पुतले होंगे, जिन्होंने न सिर्फ भारतीय ऐतिहासिक बदलावों को दिशा दी बल्कि विश्व में भी प्रभावी बदलाव लेकर आए। दिल्ली का दिल कहे जाने वाले नई दिल्ली में रीगल सिनेमा के निकट अगले साल मैडम तुसाद संग्रहालय का शुभारंभ किया जाएगा।
मैडम तुसाद संग्रहालय का संचालन करने वाले मर्लिन एंटरटेनमेंट्स के उच्चाधिकारी ने एक बयान में बताया कि मैडम तुसाद का 22वां स्टूडियो जल्द ही दिल्ली में खुलेगा। जब हमने वर्ष 2000 में मैडम तुसाद संग्रहालय में अमिताभ बच्चन का मोम का पुतला रखा, तबसे हमने देखा कि मैडम तुसाद की लोकप्रियता भारतीय दर्शकों के बीच काफी बढ़ गई। ऐसे में देश की राजधानी के दिल में स्थाई केंद्र का विचार बहुत उपयुक्त लगा।