कोर्ट ने जवानों के खाने की गुणवत्ता संबंधी याचिका पर जल्द सुनवाई से किया इन्कार
अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को दिए जाने वाले भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने से इन्कार कर दिया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को दिए जाने वाले भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। 17 जनवरी को याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है।
सोमवार को मुख्य न्यायधीश जी. रोहिणी के नेतृत्व वाली खंडपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई होनी तय थी। लेकिन खंडपीठ के नहीं बैठने से सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में याचिकाकर्ता ने याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया। जब कोर्ट मास्टर ने जल्द सुनवाई का कारण पूछा तो याची ने बताया कि मामला गंभीर है। वह याचिका किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष स्थानांतरित कर दें। इस पर कोर्ट मास्टर ने मुख्य न्यायधीश के समक्ष ही याचिका पर सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय कर दी।
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पूर्व सैनिक पूरनचंद आर्य ने यह जनहित याचिका दायर की है। याची की मांग है कि अदालत गृह मंत्रालय को निर्देश दे कि वह अर्द्धसैनिक बलों से राशन मुहैया कराने और उनके लिए खाना बनाने का क्या तरीका है, इस पर स्टेटस रिपोर्ट मांगे।
याची ने 9 जनवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुए बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव के वीडियो का हवाला देते हुए दावा किया है कि बॉर्डर पर तैनात जवानों को खराब गुणवत्ता वाला खाना दिया जा रहा है। वीडियो में तेज बहादुर अपने खाना का डब्बा दिखाते हुए आरोप लगा रहा है कि उसे दाल के नाम पर हल्दी में उबला पानी दिया जा रहा है। रोटी भी जली हुई दी जाती है।
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