केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार को दिल्ली की कोर्ट ने दिया बड़ा झटका
रोड एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन नाम के एनजीओ ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपने साढ़ू सुरेंदर कुमार बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी काम दिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। तीस हजारी अदालत के मुख्य महानगर दंडाधिकारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साढू के खिलाफ लोकनिर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ठेके में भ्रष्टाचार की शिकायत के मामले में सुनवाई को किसी अन्य जज के पास स्थानांतरित किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया है।
मुख्य महानगर दंडाधिकारी सतीश कुमार अरोड़ा ने अरविंद केजरीवाल के साढू सुरेंद्र कुमार बंसल की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें किसी प्रकार की योग्यता नहीं है। मामला फिलहाल महानगर दंडाधिकारी के समक्ष विचार के लिए मौजूद है। अबतक इसपर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
अदालत ने सुरेंद्र कुमार बंसल की उस मौखिक अपील को भी ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई को टाल दिया जाए। आज उनके मुख्य वकील सुनवाई के लिए मौजूद नहीं हैं। रोड्स एंटी-करप्शन ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक की तरफ से यह याचिका तीस हजारी अदालत में लगाई गई थी।
याचिका में कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल पर अपने साढू को कथित रूप से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ठेके दिलाने में हेरफेर कर सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
सुरेंद्र कुमार बंसल ने इस मामले को अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित करने की अपील करते हुए कहा था कि यह मामला आइपी एस्टेट थाने का है। थाना पुलिस ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को स्थानांतरित कर दिया है।
अब तो ईओडब्ल्यू मामले में अपनी रिपोर्ट भी पेश कर चुकी है। तर्क दिया गया कि मौजूदा न्यायाधीश को ईओडब्ल्यू से जुड़े मामलों में सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।