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दिल्ली सरकार ने विभागों से मांगी पहली तिमाही की प्रगति रिपोर्ट

जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी विभाग पहली तिमाही की अपने कामकाज का पूरा ब्योरा योजना विभाग की वेबसाइट पर 10 जुलाई तक अपलोड करें।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 07:28 PM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 08:51 PM (IST)
दिल्ली सरकार ने विभागों से मांगी पहली तिमाही की प्रगति रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने विभागों से मांगी पहली तिमाही की प्रगति रिपोर्ट

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आउटकम बजट पेश करने वाली दिल्ली सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, शहरी विकास, लोक निर्माण और कल्याण विभाग सहित सभी 34 विभागों से पहली तिमाही की प्रगति रिपोर्ट तलब की है। जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी विभाग पहली तिमाही की अपने कामकाज का पूरा ब्योरा योजना विभाग की वेबसाइट पर 10 जुलाई तक अपलोड करें ताकि मॉनिटरिंग यूनिट योजनाओं की प्रगति की सतत निगरानी कर सके।

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योजना विभाग के निदेशक डीपी द्विवेदी की ओर से सभी विभागों के प्रधान सचिवों और विभाग प्रमुखों को इस संबंध में पत्र भेज दिया गया है। इससे किस योजना की क्या स्थिति है, इसकी रिपोर्ट समय-समय पर सरकार को सौंपी जाएगी। बजट में सर्वाधिक फंड शिक्षा विभाग को दिए गए हैं।

योजना विभाग की ओर से जारी पत्र के साथ किस फॉर्मेट में प्रगति रिपोर्ट देनी है, इसकी कॉपी भी भेजी गई है। इसमे विभागों को योजनाओं के आउटपुट और आउटकम का पूरा ब्योरा देना होगा। साथ ही परियोजनाओं को पूरा करने की डेटलाइन और पहली तिमाही में उस पर कितना काम हुआ है, इसका ब्योरा भी देना होगा। यदि किसी योजना की रफ्तार धीमी है तो इसके कारण भी बताने होंगे ताकि इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जा सके।

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दिल्ली सरकार ने इस वर्ष योजना और गैर योजना मदों को समाप्त कर आउटकम बजट तैयार किया था। इसके तहत बजट में प्रत्येक विभाग को दिए गए फंड के आवंटन के साथ उन्हें प्रत्येक तिमाही कार्य में हुई प्रगति का विवरण देना होगा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही 30 जून को पूरी होगी।

आउटकम बजट मतलब

दिल्ली सरकार ने इस वर्ष का बजट परंपरा से हटकर आउटकम बजट के रूप में पेश किया था। आउटकम बजट में सरकार और विभागों के बीच एक समझौता होता है। विभागों को पहले लक्ष्य तय कर काम शुरू करने को कहा जाता है और फिर सरकार उस मद के लिए फंड जारी करती है। पूंजी और खर्च के जरिये विभागों का बजट तय होता है। हर तिमाही में विभागों द्वारा किए गए काम की समीक्षा कर बजट आवंटित किया जाता है। साथ ही यह मूल्यांकन भी होता है कि विभाग द्वारा तैयार योजना से जनता को कितना लाभ हुआ। 

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