बिसाहड़ा कांडः एक साल भी बाद वही सवाल, घर पर मटन था या बीफ?
बिसाहड़ा कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वह और उलझती गई। बिसाहड़ा कांड मामले में जिले और मथुरा लैब की फोरेंसिक रिपोर्ट अलग-अलग आईं।
नोएडा (जेएनएन)। देश के साथ दुनियाभर में बवाल मचाने वाले बिसाहड़ा कांड को आज पूरे एक साल हो गए, लेकिन जांच के मामले में बिसाहड़ा आज भी वहीं खड़ा है, जहां वह 28 सितंबर को था। यूपी पुलिस की लापरवाही ने इस पूरे मामले को ही जटिल बनाकर रख दिया है। इसके सबसे बड़ा प्रमाण है कि एक साल बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि इकलाख के घर पर रखा मांस आखिर किस पशु का था? यूपी सरकार के दो विभागों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट में दो अलग पशुओं का मांस बताया है। अब भी मामले में ट्रायल नहीं शुरू हो सका है।
जांच ने मामले को सुलझाया कम, बढ़ाया ज्यादा
बिसाहड़ा कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वह और उलझती गई। बिसाहड़ा कांड मामले में जिले और मथुरा लैब की फोरेंसिक रिपोर्ट अलग-अलग आईं। जिले के वेटनरी विभाग ने घटना के तीन दिन बाद ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा था कि इकलाख के घर से मिला मांस बकरे का था।
बिसाहड़ा कांड का एक सालः राजनीति में दबा रहा इंसाफ का सवाल
मथुरा की फॉरेंसिक लैब ने इस मामले में बिल्कुल अलग ही रिपोर्ट दी। मथुरा की फोरेंसिक में खुलासा किया गया था कि इकलाख के घर पर गोमांस मिला था। इससे मामला उलझ गया।
दादरी घटना के एक वर्ष पूरा होने के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि भाजपा नीत राजग सरकार के शासनकाल में सांप्रदायिक घटनाओं में काफी कमी आई है। इसके साथ ही मुसलमानों के तुष्टीकरण की बजाए उनके सशक्तिकरण के प्रधानमंत्री के संदेश पर जोर दिया।
दादरी कांड के एक वर्ष पूरे होने पर उन्होंने कहा कि हम ऐसी घटनाओं की संख्या नगण्य करना चाहते हैं। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
गौरतलब है कि एक साल पहले यानी 28 सितंबर को दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में पिछले साल कुछ लोगों ने गोमांस खाने का आरोप लगाते हुए इकलाख को उसके घर से खींचकर पहले पिटाई की और फिर उसी की सिलाई मशीन उठाकर उसके सिर पर दे मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। नाराज भीड़ ने इकलाख के बेटे दानिश को भी पीटकर अधमरा कर दिया था।
जानें पूरा घटनाक्रम
28 सितंबर, 2015: यूपी के दादरी के बिसहड़ा गांव में इकलाख को घर में गोमांस रखने के आरोप में भीड़ ने उसकी हत्या कर दी।
6 अक्टूबर, 2015: केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में राज्य सरकार ने इकलाख के घर मिले मीट के सैंपल को बकरे का मांस बताया था।
31 मई, 20016: मथुरा की फोरेंसिक लैब रिपोर्ट ने पुष्टि की कि इकलाख के फ्रिज से लिया गया मीट का सैंपल गोमांश ही था।
9 जून, 2016: मथुरा लैब की रिपोर्ट के आधार पर बिसाहड़ा के लोगों ने कोर्ट में इखलाख के परिवार के केस दर्ज करने की मांग की थी।
14 जुलाई, 2016: स्थानीय अदालत ने इकलाख के परिजनों के खिलाफ गोहत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
16 सितंबर, 2016: इकलाख के परिजनों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत केस दर्ज।
27 सितंबर, 2016: यूपी पुलिस ने फिर कहा है कि अभी तक अखलाक के परिवार द्वारा गोकशी करने का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं मिला।
28 अक्टूबर, 2016: इस मामले की सुनवाई की तारीख तय है।