अब ख्वाबों में ही रहेंगी 'शीला' से जुड़ी यादें, जानें 'बाहुबली-2' से इसका लिंक
भीड़भाड़, टिकट के लिए लंबी लाइन और दर्शकों के शोरगुल के बीच दिन में तीन शो चलाने वाले देश के पहले 70 मिमी पर्दे वाले शीला सिनेमा हॉल का पर्दा हमेशा के लिए गिर गया।
नई दिल्ली (अभिनव उपाध्याय)। भीड़भाड़, टिकट के लिए लंबी लाइन और दर्शकों के शोरगुल के बीच दिन में तीन शो चलाने वाले देश के पहले 70 मिमी पर्दे वाले शीला सिनेमा हॉल का पर्दा हमेशा के लिए गिर गया। शुक्रवार को पहाड़गंज के देशबंधु रोड स्थित इस हॉल के बाहर का दृश्य अन्य दिनों से जुदा था।
परिसर में पसरा सन्नाटा, सीढ़ियों पर सोया कुत्ता और गेट पर खड़े लोगों को हटाते सुरक्षा गार्ड के दृश्य बता रहे थे कि मल्टीप्लेक्स के जमाने में इस सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल का वजूद खत्म हो चुका है। यह पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रहा था।
12 जनवरी 1961 को शुरू हुआ यह सिनेमा हॉल पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी और जाकिर हुसैन का पसंदीदा था। 30 मार्च को कनॉट प्लेस स्थित रीगल सिनेमा को बंद कर दिया गया था। राजधानी में बड़ी फिल्मों के प्रदर्शन का अधिकार सिंगल स्क्रीन सिनेमा को प्राय: नहीं मिलता। मिलता भी है तो वितरक मुनाफे में हिस्सा मांगते हैं।
सुपरहिट फिल्म बाहुबली-2 किसी सिंगल स्क्रीन में नहीं चल रही क्योंकि संचालक वितरकों को मुनाफे में हिस्सेदारी देने में सक्षम नहीं हैं।
शीला के मैनेजर ने बताया कि 'बाहुबली-2' नहीं मिलने के कारण हमने हॉल को बंद करने का फैसला किया है। सिनेमा हॉल के मालिक उदय कौशिक ने कहा कि हम इसे मल्टीप्लेक्स के रूप में विकसित करेंगे, जिसमें 10 स्क्रीन होंगे।