केजरीवाल पर फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड का आदेश- पहले मोदी का NOC लाओ
सेंसर बोर्ड ने डायरेक्टर से यह कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री में जितनी भी जगहों पर भाजपा और कांग्रेस के बारे में बात कही गई है उसे भी पूरी तरह से हटाना होगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अक्सर विवादों में रहने वाले सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर बनी डोक्यूमेंट्री फिल्म 'द राइज ऑफ केजरीवाल' को लेकर चर्चा में हैं। 'द राइज ऑफ केजरीवाल' डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने वालों को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने अनोखा फरमान सुनाया है।
पहलाज निहलानी ने फिल्म के निर्देशक खुशबू रांका और विनय शुक्ला से कहा है कि वह अरविंद केजरीवाल पर बनी फिल्म के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर आएं तभी यह डॉक्यूमेंट्री देश में रिलीज होगी।
यहां पर बता दें कि फिल्म के निर्देशक खुशबू रांका और विनय शुक्ला ने केजरीवाल पर 'द राइज ऑफ केजरीवाल' टाइटल से एक हिंदी-अंग्रेजी डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है, इस फिल्म में केजरीवाल के जीवन से जुड़े कई मुद्दों को दिखाया गया है।
इस फिल्म में केजरीवाल का अन्ना हजारे की ओर से शुरू किया गया ऐंटी करप्शन प्रोटेस्ट में शामिल होना, आम आदमी पार्टी के बनने से लेकर केंद्र से हुए विवाद और फिर केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाया गया है।
मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक, खुशबू और विनय का कहना है कि सेंसर बोर्ड ने उनसे यह कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री में जितनी भी जगहों पर भाजपा और कांग्रेस के बारे में बात कही गई है उसे पूरी तरह से हटाना होगा।
दोनों ने यह भी बताया कि वह इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर पहलाज निहलानी के पास गए थे तो उन्हें बाहर करवा दिया गया था और यह कहा गया था कि वह इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
बता दें कि इस फिल्म को शिप ऑफ थिसिस के डायरेक्टर आनंद गांधी ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म को पिछले साल टोरांटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा चुका है। कुछ हफ्तों में इसे सिडनी, न्यू जीलैंड और वॉशिंगटन में भी प्रदर्शित किया जाएगा।