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पंकज सिंह ने समर्थकों के साथ किया नामांकन लगे भावी मुख्यमंत्री के नारे

2012 में बने इस विधानसभा क्षेत्र से दो बार भाजपा बड़े अंतर (2014 उपचुनाव) से जीत हासिल कर चुकी है। इसका फायदा पंकज सिंह को मिलना तय माना जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 01:33 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 09:48 PM (IST)
पंकज सिंह ने समर्थकों के साथ किया नामांकन लगे भावी मुख्यमंत्री के नारे
पंकज सिंह ने समर्थकों के साथ किया नामांकन लगे भावी मुख्यमंत्री के नारे

नोएडा (जेएनएन)। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 को लेकर राजनीतिक पारा पूरी चरण चढ़ गया है। इस बीच मंगलवार को नोएडा विधानसभा सीट से घोषित उम्मीदवार पंकज सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया। अपने भारी समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे पंकज को सूबे का भावी मुख्यमंत्री का दावेदार बताकर नारे भी लगे।

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वहीं, नोएडा सीट से पंकज सिंह की उम्मीदवारी के एलान के बाद से गुटबाजी को लेकर चर्चा के बीच गौतमबुद्धनगर के सांसद भी नामांकन के दौरान मौजूद रहे। उनके साथ वर्तमान विधायक बिमला बाथम भी थीं। इस दौरान समर्थकों ने भावी मुख्यमंत्री होने के लगाए नारे भी लगाए। साथ ही पंकज सिंह को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करके लोगों ने जमकर की नारेबाजी।

यहां पर बता दें कि 22 जनवरी (रविवार) को भाजपा ने पार्टी के लिए पांचवीं सबसे सुरक्षित सीट मानी जाने वाली नोएडा विधानसभा सीट से प्रदेश महासचिव पंकज सिंह को टिकट देने का एलान किया था। बता दें कि 2012 में बने इस विधानसभा क्षेत्र से दो बार भाजपा बड़े अंतर (2014 उपचुनाव) से जीत हासिल कर चुकी है। इसका फायदा पंकज सिंह को मिलना तय माना जा रहा है।

सपा-कांग्रेस गठबंधन और नोएडा में प्रदेश सरकार के विकास कार्य उनके लिए चुनौतियां के रूप में होगा। वहीं स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 2,80,212 वोटों से जीत हासिल की थी। नोएडा इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है।

उपचुनाव 2014 में शानदार जीत मिली थी पार्टी को

2012 में विधानसभा क्षेत्र बना नोएडा से महेश शर्मा ने 27664 वोटों से जीत दर्ज की। इनके सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट पर भाजपा की विमला बॉथम ने 58,952 वोट से शानदार जीत दर्ज की। पार्टी उम्मीदवार को 60.96 प्रतिशत वोट मिले।

2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को मिली जीत में 2014 उपचुनाव की यह जीत सबसे बड़े अंतर से रही। इन दोनों जीत के लिहाज से भी नोएडा भाजपा की सुरक्षित सीटों में से एक है। वहीं प्रदेश का सबसे विकसित शहर भी नोएडा है। साथ ही दिल्ली से नजदीकी भी इस विधानसभा को खास बनाता है।

5 लाख 20 हजार मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में सवा तीन लाख से अधिक शहरी मतदाता है, जिन्हें सामान्यत: भाजपा अपने वोटर मानता है। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को बिसलपुर (55568 मतों से जीत) में सबसे अधिक वोट से जीत मिली थी।

दूसरे नंबर पर गोरखपुर शहरी क्षेत्र (47076 मतों से जीत), तीसरे नंबर पर ठाकुरद्वारा (37974) मतों से जीत, चौथे नंबर पर महाराजपुर (29,837) और पांचवें स्थान पर नोएडा (27,856 मतों से जीत) रहा था।

2012 और 2014 उपचुनाव में सपा और कांग्रेस की स्थिति

इस बार सपा और कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, लेकिन 2012 और 2014 उपचुनाव में दोनों पार्टियों के मत जोड़ने के बाद भी भाजपा के प्रत्याशी का अंतर अधिक है। 2012 में सपा के सुनील चौधरी को 42044 मत मिले थे।

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीएस चौहान को 25460 वोट मिले थे। दोनों मतों को जोड़ने के बाद 67504 मत मिले। वहीं भाजपा के महेश शर्मा को 77226 मत मिले थे। जो दोनों प्रत्याशियों की तुलना में अधिक है। वहीं 2014 उपचुनाव में विमला बॉथम को 100433 मत मिले थे, जबकि सपा और कांग्रेस उम्मीदवार को मिलाकर 58693 मत मिले थे।

पंकज के लिए चुनौतियां
- कांग्रेस-सपा गठबंधन
- प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा में कराए गए विकास कार्य
- युवा मुख्यमंत्री अखिलेश की स्वच्छ छवि


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