नेशनल रैंकिंग में शामिल ARSD कॉलेज के प्रिंसिपल बोले- खामोशी से करते हैं अपना काम
प्रिंसिपल ज्ञानतोष झा ने कहा कि पत्रकारिता से लेकर अन्य कई कोर्स शुरू करने की योजना है। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज (ARSD) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का तीसरा और देश का पांचवां ऐसा कॉलेज है, जिसे नेशनल रैंकिंग में जगह मिली है। दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता अभिनव उपाध्याय ने कॉलेज में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाएं, चुनौतियां और भविष्य की योजनाओं को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.ज्ञानतोष झा से बातचीत की। पेश हैं उसके प्रमुख अंश:
1.क्या आपको राष्ट्रीय स्तर पर कॉलेज को पांचवां स्थान मिलने की उम्मीद थी?
हम काफी काम कर रहे थे, लेकिन वह बाहर नहीं दिख पा रहा था। हम चुप रहकर काम करने वाले लोग हैं, लेकिन जब रैंकिंग के लिए आवेदन किया तो सभी कार्यों को बताया। हमें खुशी है कि हमारा मूल्यांकन एक बेहतर कॉलेज के रूप में हुआ है।
2. एआरएसडी अब साउथ कैंपस के बेहतरीन कॉलेजों में गिना जाता है। कॉलेज की छवि बदली है। किसे श्रेय देंगे?
कॉलेज को इस मुकाम पर लाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कड़ी मेहनत की गई है। कॉलेज की छवि बदलने के लिए मूलभूत सुविधा से लेकर रिसर्च, इनोवेशन व गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक गतिविधि पर काफी जोर दिया गया है। इसमें सबका सहयोग शामिल है।
3. कॉलेज में दाखिला लेने की चाह रखने वाले छात्रों के लिए क्या खास है?
यहां पढ़ाई का बेहतर माहौल है। रिसर्च और बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर काफी काम कर रहा है। हम शोध के लिए स्नातक स्तर पर 200 छात्रों को एक हजार रुपये प्रतिमाह देते हैं। हमारे यहां अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी शोध के लिए आते हैं।
4. पूर्व छात्रों का कॉलेज के विकास में कितना योगदान है?
कॉलेज की एलुमिनाई एसोसिएशन काफी मजबूत है। पूर्व छात्र हर संभव मदद करते हैं। गरीब छात्रों की फीस व फेलोशिप देने में भी यहां के पूर्व छात्र मदद करते हैं।
5.नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में बने रहने के लिए आप क्या करेंगे?
इसके लिए हमें काफी काम करना है। शोध और इनोवेशन पर हमारा विशेष जोर रहेगा। आने वाले समय में कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होगा। छात्रों को और बेहतर सुविधा दी जाएगी। आने वाले समय में कॉलेज के स्पोर्ट्स कैंपस, हॉस्टल व ऑडिटोरियम में और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
6.कुछ नए कोर्स शुरू होने वाले थे उनका क्या हुआ?
पत्रकारिता से लेकर अन्य कई कोर्स शुरू करने की योजना है। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है।