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आम जनता को राहत, डीएनडी फ्लाईओवर पर टोल टैक्स खत्म

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनाए एक बड़े फैसले में दिल्ली-नोएडा टोल को फ्री कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस फैसले को तुरंत लागू करने को कहा है।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 04:27 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 06:18 AM (IST)
आम जनता को राहत, डीएनडी फ्लाईओवर पर टोल टैक्स खत्म

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद/ नोयडा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डीएनडी फ्लाई ओवर पर लोगों से टोल की वसूली पर रोक लगा दी है। यह वसूली नोएडा टोल ब्रिज कंपनी कर रही है। कोर्ट ने कहा है कि नोएडा और टोल कंपनी के बीच मनमाने करार की न्यायिक समीक्षा करने का अनुच्छेद 226 के अंतर्गत कोर्ट को अधिकार है। करार के तहत लागत की गणना का तरीका और करार अनुच्छेद 14 के विपरीत है।

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कोर्ट ने टोल फीस वसूली बंद करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका को मंजूर कर लिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को फैसला सुनाया गया।

गौरतलब है कि नोएडा अथॉरिटी व नोएडा टोल ब्रिज कंपनी के बीच डीएनडी फ्लाई ओवर बनाने का करार हुआ। बाद में करार में संशोधन कर टोल कंपनी को छूट दी गयी और कहा गया कि पूरी लागत वसूल करने तक कंपनी टोल वसूल सकेगी। यह करार एक अप्रैल 2031 तक टोल वसूली के लिए किया गया। फ्लाईओवर की शुरुआती लागत लगभग साढ़े चार सौ करोड़ आई थी। 31 मार्च 2011 तक यह लागत 2168 करोड़ पहुंच गयी। यह करार हुआ कि कंपनी एक अप्रैल 2031 तक टोल वसूली करने के बाद फ्लाई ओवर नोएडा को स्थानांतरित कर देगी। यह भी शर्त लगायी गयी कि यदि नोएडा मनमाने तौर पर बीच में करार रद करती है तो वह कंपनी को 2168 करोड़ प्रोजेक्ट लागत का भुगतान करेगी।

साथ ही यदि कंपनी एक अप्रैल 2031 तक 2168 करोड़ की वसूली नहीं कर पाती तो शेष बची राशि का भुगतान नोएडा प्राधिकरण टोल ब्रिज कंपनी को करेगी। कोर्ट ने कहा कि कंपनी ने स्वयं ही माना है कि 31 मार्च 2014 तक 810.18 करोड़ की वसूली की गई है। इस प्रकार 2013-14 तक 300 करोड़ यूजर फ्री वसूला जाना बाकी है। कोर्ट ने कहा कि यह समझ से परे है कि कंपनी किस तरीके से लागत की गणना कर रही है और ऐसा करार किस प्रकार किया गया जिसमें वसूली जारी रहने के बाद फ्लाईओवर की लागत राशि बढ़ती जा रही है। कोर्ट ने कहा है कि करार के गुण-दोष पर विचार नहीं किया जा रहा है। कोर्ट टोल कंपनी द्वारा आम लोगों से टोल वसूली जारी रखने के औचित्य पर विचार कर रही है।

नोएडा व कंपनी के बीच हुए करार के आधार पर कोई कंपनी आम लोगों से टोल की वसूली लागत निकलने के बाद कैसे जारी रख सकती है। कोर्ट ने कं पनी को करार में छूट देने को अनुचित एवं गलत करार दिया है। कहा कि यह कानून के विपरीत है और लोक नीति के खिलाफ है।

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