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नरसिंह यादव को लेकर ये सनसनीखेज राज जानकर चौंक जाएंगे अाप

रियो ओलंपिक से ठीक पहले डोप टेस्ट में फंसे पहलवान नरसिंह यादव को लेकर साजिश का शक और गहरा गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 07:50 AM (IST)
नरसिंह यादव को लेकर ये सनसनीखेज राज जानकर चौंक जाएंगे अाप

गुड़गांव (अनिल भारद्वाज)। रियो ओलंपिक से ठीक पहले डोप टेस्ट में फंसे पहलवान नरसिंह यादव को लेकर साजिश का शक और गहरा गया है। सोनीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) हास्टल से जुटे शख्स ने नरसिंह को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है।

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एक रात बाहर ही गुजारनी पड़ी थी

पहलवान नरसिंह के साथ बहालगढ़ (सोनीपत) साई सेंटर में अधिकारियों का व्यवहार शुरू से ही बेहतर नहीं रहा।यहां से जुड़े शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि SAI हास्टल के इंचार्ज की कारगुजारियों के चलते नरसिंह के एक रात बाहर ही गुजारनी पड़ी थी। बात जनवरी माह की है जब राष्ट्रीय कैंप साई सेंटर में शुरू हो रहा था, तो नरसिंह को अंदर नहीं जाने दिया था।

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नहीं दी थी अंदर जाने की इजाजत

दरअसल राष्ट्रीय कैंप 15 या 16 जनवरी से साई सेंटर में शुरू हो रहा था और पहलवानों की लिस्ट अधिकारी के पास नहीं पहुंची थी, लेकिन अधिकारी ने सभी पहलवानों को अंदर जाने की इजाजत दे दी और नरसिंह को अंदर नहीं जाने दिया।

उस समय नरसिंह वल्र्ड चैंपियनशिप में पदक जीतकर ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुके थे। जो अपने आप में एक प्रूफ है कि नरसिंह राष्ट्रीय कैंप में शामिल हैं।

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बेहद सहनशील है नरसिंह

नरसिंह को बेहद शांत स्वभाव का पहलवान बताया जाता है। भारत के इस पहलवान को एक रात बाहर गुजारनी पड़ी थी, लेकिन इसका जिक्र उसने नहीं किया।

यहां पर बता दें कि ओलंपिक शुरू होने से कुछ दिन पहले भारत को उस समय करारा झटका लगा, जब 74 किलो फ्रीस्टाइल पहलवान नरसिंह यादव नाडा द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में नाकाम रहे, जिससे रियो ओलंपिक में उनकी भागीदारी भी खतरे में पड़ गई है।

नाडा डीजी के मुताबिक, नरसिंह को प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन का दोषी पाया गया है। उसका बी नमूना भी पॉजीटिव निकला, जब उसका बी नमूना खोला गया तब वह खुद भी मौजूद था।

रियो ओलंपिक के लिए नरसिंह का चयन विवादित हालात में हुआ था, क्योंकि ओलंपिक दोहरे पदक विजेता सुशील ने 74 किलो वर्ग में दावेदारी ठोकी थी। नरसिंह ने चूंकि विश्व चैम्पियनशिप के जरिए कोटा हासिल किया था तो उसे तरजीह दी गई। इसके लिए नरसिंह को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।


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