स्पेशल ट्रेनों का हाल: नाम स्पेशल, किराया ज्यादा और चाल फिसड्डी
अगर आप त्योहार में घर समय से पहुंचना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं। स्पेशल ट्रेनों में सफर करना आप के लिए महंगा हो सकता है। स्थिति यह है कि स्पेशल ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। सबसे खराब स्थिति पूर्व दिशा की ट्रेनों की है।
नई दिल्ली [ संतोष कुमार सिंह ] । त्योहार में घर पहुंचने के लिए लोग स्पेशल ट्रेनों में सफर करने के बदले ज्यादा किराया भी चुका रहे हैैं, लेकिन इनकी चाल इस कदर है कि यात्री खुद को ठगा महसूस कर रहे हैैं। स्थिति यह है कि स्पेशल ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। सबसे खराब स्थिति पूर्व दिशा की ट्रेनों की है। ऐसे में रेलवे को अपनी तैयारियों को और पुख्ता करने की जरूरत है।
जो यात्री नियमित ट्रेनों में आरक्षण नहीं ले सके हैं, उनकी सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। आर्थिक रूप से कमजोर यात्रियों को ध्यान में रखकर कई स्पेशल जनसाधारण ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं जिसके सभी कोच अनारक्षित हैं।
इसमें यात्री को सामान्य किराया देना पड़ता है, लेकिन अन्य स्पेशल ट्रेनों में तत्काल के बराबर किराया वसूला जाता है। यात्रियों से ज्यादा किराया वसूलने के बावजूद उनकी परेशानी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे यात्रियों में खासी नाराजगी है।
बुधवार को दोपहर 1.45 बजे आनंद विहार टर्मिनल से रवाना हुई 04420 नंबर की स्पेशल ट्रेन को 18 घंटे में दरभंगा पहुंचना था लेकिन रास्ते में ही यह 12.30 घंटे देर हो चुकी है।
इसी तरह से आनंद विहार टर्मिनल से बुधवार को सुबह 11 बजे रवाना हुई जय नगर जनसाधारण स्पेशल ट्रेन नौ घंटे की देरी से चल रही है। वहीं, आनंद विहार-छपरा स्पेशल (05116) बृहस्पतिवार को डेढ़ घंटे की देरी से रवाना हुई। यही हाल अन्य स्पेशल ट्रेनों का है।
कई स्पेशल ट्रेनें दीपावली के एक दिन पहले रवाना होंगी। यदि वे भी इसी तरह से लेट रहीं तो लोगो की दीपावली रास्ते में ही मन जाएगी। यात्रियों का कहना है कि इन दिनों न तो कोहरा पड़ रहा है और न ही कहीं आंदोलन की वजह से रेल परिचालन बाधित है। इसके बावजूद ट्रेनें समय पर नहीं चल रही हैं। इसलिए रेल प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।