खुलासाः पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की सुरक्षा में लगी सेंध, एम्स ने साधी चुप्पी
एम्स सूत्रों से मिली वाजपेयी की सुरक्षा में सेंध संबंधी जानकारी की स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की है। हालांकि, एम्स के अधिकारी आधिकारिक तौर पर बोलने को तैयार नहीं हैं।
नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आइसीयू में भर्ती हैं। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा में सेंध लगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। संस्थान के कार्डियक न्यूरो सेंटर में कार्यरत आइसीयू तकनीशियन अपने साथी को डॉक्टर बताकर आइसीयू तक ले जाने में सफल रहा। हालांकि, दोनों को पकड़ लिया गया है। गत शनिवार को हुई इस घटना के बाद तकनीशियन को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि सुरक्षा में सेंध के पीछे तकनीशियन के दोस्त की कोई दुर्भावना सामने नहीं आई, इसलिए तफ्तीश के बाद उसे छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि तकनीशियन का दोस्त वाजपेयी को देखना चाहता था, इसलिए वह कार्डियक सेंटर के उस आइसीयू में जाना चाहता था, जहां वाजपेयी भर्ती हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तकनीशियन की ड्यूटी उसी आइसीयू में थी, इसलिए उसके आने-जाने पर रोकटोक नहीं थी। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे वह अपने दोस्त को लेकर आइसीयू तक पहुंच गया। एनएसजी के जवानों द्वारा पूछने पर उसने अपने दोस्त का परिचय डॉक्टर के रूप में कराया।
आइसीयू के अंदर जाने से पहले मास्क पहनना पड़ता है, लेकिन उसके दोस्त को मास्क पहनना नहीं आ रहा था। इसपर एनएसजी के जवानों को शक हुआ। उन्होंने कड़ाई से पूछताछ की तो हकीकत सामने आ गई। एम्स के उपनिदेशक (प्रशासनिक) शुभाशीष पांडा ने न ही घटना की पुष्टि की और न ही खंडन किया। उल्लेखनीय है कि वाजपेयी को गत 11 जून को किडनी में परेशानी व यूरिन में संक्रमण होने के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था।
स्थानीय पुलिस ने की पुष्टि तो एम्स प्रशासन ने साधी चुप्पी
एम्स सूत्रों से मिली वाजपेयी की सुरक्षा में सेंध संबंधी जानकारी की स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की है। हालांकि, एम्स के अधिकारी आधिकारिक तौर पर इस मामले में बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन घटना के बाद से वाजपेयी की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से जूझ रहे हैं। वह 2009 से ही व्हीलचेयर पर है। उन्हें 27 मार्च 2015 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका जन्मदिन (25 दिसंबर) सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
एम्स के डॉक्टर घर पर ही करते रहे हैं उनका इलाज
वाजपेयी को भर्ती करने से पहले तक एम्स के डॉक्टर उनके घर पर ही जांच के लिए जाते रहे हैं। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी नियमित तौर पर उनके घर इलाज के लिए जाते थे।
तीन बार रह चुके हैं प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। सबसे पहले वह 1996 में 13 दिन के लिए पीएम बने, लेकिन बहुमत साबित कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए।
13 अक्टूबर 1999 को वह तीसरी बार पीएम बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं। 25 दिसंबर 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिये 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।