शहरों में आदमी ही नहीं पेड़ भी हो रहे मोटे, जानिए- इसकी बड़ी वजह
इसका इलाज ढूंढ़ने की कड़ी में इस बार मानसून के दौरान माइक्रो न्यूट्रियंट का इस्तेमाल कर पेड़ों का वजन कम किया जाएगा जिससे कि उनकी मजबूती बढ़ जाए।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। शहरी जीवनशैली न केवल मानव शरीर को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि इससे पेड़ भी प्रभावित हो रहे हैं। लुटियन दिल्ली में एक साल में करीब दो दर्जन पेड़ों की जान जाने का कारण उनका भारी वजन है, इसलिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने उनका इलाज करने का फैसला किया है। इन पेड़ों की पहचान कर ली गई है। मानसून के दौरान माइक्रो न्यूट्रियंट का इस्तेमाल कर पेड़ों का वजन कम किया जाएगा, जिससे कि उनकी मजबूती बढ़ जाए। एनडीएमसी इलाके में 110 एवेन्यू रोड हैं, जिन पर अंग्रेजों के समय लगाए गए पौधे अब विशालकाय हो गए हैं। पेड़ जितना विशालकाय होता है उतना ही आकर्षक लगता है, लेकिन गिरते भूजल स्तर और कंक्रीट की सड़कें होने की वजह इनकी जड़ें जमीन के ज्यादा नीचे तक नहीं जा पा रही हैं। इससे उन्हें भरपूर पानी व पोषण नहीं मिल पा रहा है। तेज हवा और बारिश होने पर पेड़ उखड़ कर गिर जाते हैं।
एनडीएमसी के उद्यान विभाग के निदेशक एस चिल्लईया ने बताया कि हमने ऐसे पेड़ों की पहचान की है, जिनकी जड़ें कमजोर हैं। हम इन पेड़ों का इलाज करेंगे, ताकि मानसून में वे गिरे नहीं। एक पौधे को पेड़ बनने में कई साल लग जाते हैं, इसलिए हम नहीं चाहते कि किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचे। पेड़ों को एनपीके फर्टीलाइजर दवाई गोलियों के रूप में दी जाएगी। पेड़ के चारों तरफ जमीन में पाइप डालकर यह दवा दी जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि पेड़ों को जब भी पानी दिया जाएगा तब वह जड़ के अंतिम हिस्से तक पहुंचेगा। इससे जड़ें पानी को ढूंढ़ते हुए गहराई तक पहुंचेंगी और पेड़ को मजबूती मिलेगी।
50 वर्ष बढ़ाएंगे पेड़ों की उम्र
लोगों के विरोध के चलते नई दिल्ली नगर पालिका परिषद को पेड़ों की छटाई करने में परेशानी होती है। इस बार एनडीएमसी ने पहले लोगों को जागरूक करने का फैसला लिया है। एनडीएमसी के कर्मचारी लोगों को समझाकर पेड़ों की छटाई (हेडिंंग बैक /टॉप वर्क) करेंगे। इस उपाय से पेड़ों की उम्र करीब 50 वर्ष बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 1450 एकड़ हरियाली क्षेत्र है। राजधानी में सात बड़े उद्यानों, छह नर्सरी, 53 गोल चौराहों, 122 छोटे पार्क और सीपीडब्लूडी कॉलोनियों के 981 पार्कों के रखरखाव की जिम्मेदारी एनडीएमसी के पास है। पिछले साल गिरे पेड़ पिछले साल मानूसन में करीब 138 पेड़ों को नुकसान पहुंचा था। इनमें से कुछ की शाखाएं गिर गई तो कई पेड़ जड़ से ही उखड़ गए थे। इनमें नीम, सेमल, इमली, शीशम, ग्रेविलिया के पेड़ शामिल थे।
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