अपराधियों के लिए आरामगाह से कम नहीं है ये जेल, यहां आने के लिए रची जाती है साजिश
बड़े गैंगस्टर भोंडसी जेल को अपने घर की तरह समझते हैं। वे आसानी से न केवल अपने परिजनों से मिल पाते हैं बल्कि अपने गुर्गों के ऊपर भी नजर रखते हैं।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। प्रदेश की सबसे बेहतर मानी जाने वाली भोंडसी जेल को दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर गैंगस्टर आरामगाह के रूप में देखते हैं। संभवत: यही वजह है कि वे तिहाड़ में नहीं बल्कि भोंडसी जेल में रहना पसंद करते हैं। इसके लिए अपने गुर्गों से वारदात तक कराते हैं ताकि पूछताछ के लिए उन्हें गुरुग्राम पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर ले आए। कई गैंगस्टरों के पर जेल से ही रंगदारी मांगने से लेकर अन्य वारदातों को अंजाम दिलाने के मामले दर्ज हैं।
बदमाशों ने मांगी रंगदारी
पूछताछ के लिए समय-समय पर गुरुग्राम पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लेती रहती है। पिछले महीने 15 अगस्त की रात सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक गारमेंट फैक्ट्री के गेट पर चार बदमाशों ने फायरिंग कर फैक्ट्री के मालिक से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। क्राइम ब्रांच ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि यह सारा खेल तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर कालिया को भोंडसी जेल स्थानांतरित कराने के लिए खेला गया था।
भोंडसी जेल आने के लिए रचते हैं साजिश
चारों ने प्लानिंग की थी कि यदि कालिया के नाम पर फायरिंग करके रंगदारी मांगने का मामला सामने आएगा तो पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गुरुग्राम आ जाएगी। इसी तरह कुछ महीने पहले झज्जर जेल में बंद एक गैंगस्टर ने भी भोंडसी जेल आने के लिए साजिश रची थी। इससे पहले भी कई गैंगस्टरों के ऊपर इस तरह के आरोप लग चुके हैं।
जेल के घर की तरह समझते हैं गैंगस्टर
बताया जाता है कि अधिकतर बड़े गैंगस्टर भोंडसी जेल को अपने घर की तरह समझते हैं। वे आसानी से न केवल अपने परिजनों से मिल पाते हैं बल्कि अपने गुर्गों के ऊपर भी नजर रखते हैं। इसे देखते हुए कुछ महीने पहले कई गैंगस्टरों को दूसरी जेलों में भेजा गया था। इनमें कुछ गुरुग्राम से बाहर की जेलों में जाकर खुश नहीं हैं क्योंकि वहां से गुरुग्राम में अपनी गतिविधियों को चलाना मुश्किल है। गैंगस्टर किसी न किसी बहाने भोंडसी जेल आना चाहते हैं।
जेल के अंदर से संचालित होती हैं गतिविधियां
बताया जाता है कि तिहाड़ जेल में काफी सख्ती की जाती है। गुर्गों पर नजर रखने की बात दूर, परिजनों से भी आसानी से मिलना मुश्किल होता है। जैमर की व्यवस्था इस तरह है कि मोबाइल अंदर काम ही नहीं करता है। इस वजह से जेल में जाने के बाद गैंगस्टर पूरी तरह अपने गुर्गों से कट जाते हैं। भोंडसी जेल में बंद अधिकतर गैंगस्टर अपने गुर्गों से संपर्क में रहते हैं। इसके लिए मोबाइल का अधिक उपयोग किया जाता है। कुछ दिन पहले ही एक युवक अपने रिश्तेदार को मोबाइल देते पकड़ा गया था।
गैंगस्टरों पर रखी जाती है नजर
गुरुग्राम पुलिस उपायुक्त (क्राइम) सुमित कुमार का कहना है कि इसमें कहीं कोई संदेह नहीं कि तिहाड़ जेल में भोंडसी जेल की अपेक्षा अधिक सख्ती है। ऐसा भी नहीं है कि भोंडसी जेल में अधिक आराम है। गैंगस्टरों के ऊपर लगातार नजर रखी जा रही है। जैसे ही किसी के खिलाफ शिकायत मिलती है, कार्रवाई की जाती है।