सर्किल रेट पर घमासान : LG का नया फरमान, AAP सरकार को चेताया
सर्किल रेट को लेकर उठा सियासी तूफान थमता नहीं दिख रहा। उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार को एक बार फिर चेताया है कि इस संबंध में जारी अधिसूचना पर अमल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे जारी करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
नई दिल्ली [अजय पांडेय] । सर्किल रेट को लेकर उठा सियासी तूफान थमता नहीं दिख रहा। उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार को एक बार फिर चेताया है कि इस संबंध में जारी अधिसूचना पर अमल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे जारी करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
दूसरी ओर दिल्ली मंत्रिमंडल पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि किसी भी कानून के तहत उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार को आदेश जारी करने का कोई हक नहीं है।
आपको बता दूं कि उपराज्यपाल जंग ने दिल्ली सरकार की अधिसूचना को बृहस्पतिवार को ही लौटा दिया था और यह आदेश भी जारी कर दिया कि इस पर अमल नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे जारी करते समय कानूनी प्रक्रिया और तय परंपराओं का पालन नहीं किया गया।
उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि राजनिवास ने एक नया आदेश जारी कर सरकार से कहा है कि वह इस अधिसूचना पर अमल नहीं करे। इसमें कहा गया है कि यदि उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर सरकारी अधिसूचना पर अमल किया गया तो खरीद-बिक्री करने वाले आम लोगों के समक्ष भारी मुसीबत पैदा हो जाएगी।
यह भी जानकारी मिली कि सभी 33 सब रजिस्ट्रार दफ्तरों को दिल्ली मंत्रिमंडल के निर्णय और उपराज्यपाल के आदेश की प्रतियां भेज दी गई हैं। दिलचस्प यह है कि सर्किल रेट पर मची रार से असमंजस में फंसे अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। वे नई दरों से कोई रजिस्ट्री नहीं कर रहे।
इनमें से ज्यादातर अधिकारियों का कहना है कि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, इस मामले में कोई भी कदम उठाना उचित नहीं होगा। इस बीच सर्किल रेट को लेकर सियासत भी गरमा रही है।
किसानों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलकर इस मुद्दे पर उनका भरपूर समर्थन किया है और उनका आभार जताया है जबकि कांग्रेस नेता डा. नरेश कुमार उपराज्यपाल जंग को एक पत्र लिखकर सर्किल रेट में विभिन्नता पर अपना एतराज जताया है।
उन्होंने लिखा है कि कृषि योग्य भूमि तथा लैंड पूलिंग के तहत आने वाली आर जोन की जमीन के दाम अलग-अलग तय किए गए हैं। यह ठीक नहीं है क्योंकि इसमें किसानों का कोई कसूर नहीं है। उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की है कि सभी जमीनों का एक ही रेट तय किया जाए।
बहरहाल, जानकारों का कहना है कि कृषि योग्य जमीन के नए सर्किल रेट के मुद्दे पर सूबे की सियासत अभी और गरमाने वाली है क्योंकि आम आदमी पार्टी से लेकर भाजपा व कांग्रेस भी इस मुद्दे पर अपने-अपने तरीके से मोर्चा खोलने को तैयार है।