जानें, JNU छात्र नजीब ने लापता होने से पहले अपनी अम्मी से फोन पर क्या कहा
जेएनयू छात्र नजीब की अपनी अम्मी से फोन पर हुई अंतिम वार्ता सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगे। जब मां ने अपने बेटे को असहाय पाया तभी उसे लग गया था कि नजीब संकट में है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। 'बेटा बदहवास था और परेशान भी। उसने जब मुझे फोन किया तो कह रहा था कि अम्मी तुम आ जाओ। मैं हड़बड़ा गई और छोटे बेटे मुजीब अहमद को साथ लेकर चल दी। बदायूं से आनंद विहार तक कई बार रास्ते में उससे फोन पर बात हुई। आनंद विहार पहुंचने के बाद उससे कोई बात नहीं हो सकी।
नजीब की अम्मी ने कहा मेरा दिल परेशान है और डर लग रहा है कि जाने मेरा बच्चा कहां होगा और किस हाल में..? यह अल्फाज हैं जेएनयू के गायब छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा के।
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बेटे की तलाश में परिजनों संग दिल्ली गई फातिमा पत्नी नफीस अहमद निवासी वैदोटोला, बदायूं के चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा नजीब अहमद, मुजीब अहमद, हसीब अहमद और बेटी शिफा। शिफा इंटर की छात्रा है।
बढ़ई का काम करते रहे नफीस बुजुर्ग हो चले हैं। हां, उन्होनें बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। नजीब को बरेली, अलीगढ़ और दिल्ली में उच्च शिक्षा दिलाई। साथ ही मुजीब व हसीब भी पढ़ रहे हैं।
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दिल्ली के जेएनयू में नजीब अहमद के साथ हुए घटनाक्रम के बाद दिल्ली पहुंची फातिमा ने बताया कि हॉस्टल में नजीब की एक चप्पल सीढिय़ों के नीचे तो दूसरी ऊपरी मंजिल पर पड़ी मिली।
तमाम आशंकाएं मन को घेरे हुए हैं, जाने क्या होगा ? फातिमा का कहना है कि दिल्ली पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है। आठ दिन हो गए, नजीब का कोई पता नहीं है। नजीब का घर फोन आया तो काफी घबराया हुआ था। कह रहा था कि अम्मी तुम आ जाओ।
फातिमा और उनके बेटे ने दिल्ली में ज्वाइंट कमिश्नर नई दिल्ली आरपी पांडे से मुलाकात कर पूरी बात सामने रखी है। हालांकि फातिमा का कहना है कि अगर दिल्ली पुलिस सहयोग करे तो नजीब जल्द ही मिल जाएगा।