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विकास की आस में गुजर रही ¨जदगी

आबादी : एक लाख मतदाता : 60 हजार त्रिलोकपुरी में रहने वाले लोगों की ¨जदगी विकास की आस म

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Aug 2017 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 06 Aug 2017 09:06 PM (IST)
विकास की आस में गुजर रही ¨जदगी
विकास की आस में गुजर रही ¨जदगी

आबादी : एक लाख

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मतदाता : 60 हजार

त्रिलोकपुरी में रहने वाले लोगों की ¨जदगी विकास की आस में गुजर रही है। यहां के रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए वर्षो से जद्दोजहद कर रहे हैं। त्रिलोकपुरी में अवैध कब्जे के साथ ही गंदगी का बोलबाला है। सरकारी जमीनों से लेकर सड़क तक लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। सड़क पर होने वाले अवैध कब्जे के कारण अधिकतर समय यहां जाम लगा रहता है। यहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि त्रिलोकपुरी में जगह-जगह अवैध रूप से मांस की दुकानें चल रही हैं। संबंधित विभाग से शिकायतें करने के बाद भी उसका समाधान नहीं होता है। नगर निगम के पार्क से लेकर डीडीए के पार्क तक बदहाल पड़े हैं।

इतिहास

त्रिलोकपुरी इलाके में बसावट की शुरुआत 1976 के आसपास मानी जाती है। इसको आपातकाल के दौरान दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से झुग्गियों को हटाकर यहां पुनर्वास कॉलोनी के रूप में बसाया गया था। इससे पहले यहां कोटला एवं चिल्ला गांव के किसानों की कृषि योग्य भूमि हुआ करती थी। यह इलाका यमुना का खादर तो हुआ करता था, मगर ऊंचाई पर बसावट होने की वजह से कभी बाढ़ से प्रभावित नहीं रहा।

विशेषता

त्रिलोकपुरी की बसावट से पहले ही यहां पर बाबा रामदेव का एक मंदिर था। यह मंदिर यहां के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। जब भी कोई त्योहार होता है तो मंदिर में विशेष पूजन किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भाग लेते हैं।

अतिक्रमण का बोलबाला

त्रिलोकपुरी में सबसे भयंकर समस्या अतिक्रमण की है। लोगों ने निगम और डीडीए के पार्को में अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। इसके अतिरिक्त ई रिक्शा और ऑटो वालों के साथ ही रेहड़ी-पटरी वालों ने सड़कों पर अतिक्रमण किया हुआ है। इस कारण यहां पर अधिकतर समय जाम लगा रहता है। यहां के लोगों का कहना है सरकारी विभागों की उदासीनता के कारण यहां पर अतिक्रमण की समस्या रात दिन बढ़ रही है। संबंधित विभाग अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। अगर कार्रवाई करता भी है तो कुछ ही घंटों के भीतर वहीं नजारा देखने को मिलता है जैसा पहले था। त्रिलोकपुरी में चलने वाले ई रिक्शा चालकों के पास न तो लाइसेंस होता है और न ही उनके रिक्शे पर कोई नंबर होता है, अगर वे किसी को टक्कर मार देते हैं तो वह आसानी से बचकर निकल जाते हैं।

सेप्टिक टैंक दे रहा है हादसों का दावत

त्रिलोकपुरी के 8 ब्लॉक में बने हुए डीडीए के जनता फ्लैट के मुख्य द्वार पर बना सेप्टिक टैंक हादसों को दावत दे रहा है। टैंक पूरी तरह से जर्जर है। टैंक के ऊपर का लेंटर भी कई जगह से टूटा पड़ा है। यहां के लोगों का कहना है कि सीवर सिस्टम आने के बाद इस टैंक का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था, लेकिन न तो डीडीए और न ही निगम ने इस टैंक को तोड़ा। टैंक में कई वर्षो से गंदा पानी भरा हुआ है, जिसमें मच्छर पैदा हो रहे हैं। यहां के आसपास रहने वाले लोग अक्सर मच्छरों के काटने की वजह से ही बीमार पड़ते हैं। कई महीने पहले निगम की महापौर ने टैंक का निरीक्षण किया था, लेकिन इतना समय गुजरने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। लोग खाली जगह देखकर टैंक के ऊपर मलबे का ढेर लगा रहे हैं, इससे कभी भी हादसा हो सकता है।

सड़क धंसने से हादसों का खतरा बढ़ा

त्रिलोकपुरी के तीन ब्लॉक की मुख्य सड़क कई दिन से धंसी हुई है। इस वजह से यहां पर हादसों का खतरा बना हुआ है। लोक निर्माण विभाग ने एक साल पहले ही सड़क को बनाया था। यहां के लोगों ने धंसी हुई सड़क में डंडे खड़े किए हुए हैं, ताकि वाहन चालकों को दूर से पता चल जाएगा कि यहां पर गड्ढा बना हुआ है। लोगों ने बताया कि सड़क को धंसे हुए 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं। जिस जगह सड़क धंसी है उसके पास ही सीवर लाइन का मैनहोल बना हुआ है। सड़क पर वाहनों के आवागमन से सड़क और भी ज्याद धंसती चली जा रही है। लोगों को इस संबंध में शिकायत किए हुए कई दिन हो चुके हैं, लेकिन विभाग सड़क ठीक करने की जगह दूसरे विभागों की कमियां निकालने में लगा हुआ है।

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त्रिलोकपुरी की बसावट के समय ही यहां पर जलबोर्ड की ओर से पानी की पाइपलाइन डाली गई थी। यह पाइपलाइन जगह-जगह टूट गई है। इस कारण पानी में सीवर का पानी मिलकर आ रहा है। यह समस्या किसी एक ब्लॉक की नहीं है, बल्कि सभी ब्लॉक में एक जैसी स्थिति है। 17 ब्लॉक में बनी मदर डेयरी के सामने स्लैब टूटा पड़ा है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है। कई बार संबंधित विभाग को शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

-ओम प्रकाश गुगरवाल, सदस्य बाबा रामदेव मंदिर समिति।

त्रिलोकपुरी में सबसे ज्यादा समस्या अवैध पार्किंग की है। दबंग लोग पार्किग करवाने के पैसे लेते हैं। त्रिलोकपुरी तीन ब्लॉक की मुख्य सड़क कई दिन से टूटी पड़ी है। इससे हादसा होने की आशंका बनी हुई है।

राकेश कश्यप, महासचिव दिल्ली प्रदेश कश्यप समाज।

त्रिलोकपुरी 8 ए ब्लॉक में बने हुए जनता फ्लैट के बाहर का सेप्टिक टैंक हादसों का सबब बना हुआ है। टैंक कई वर्षों से बंद है और उसकी हालत जर्जर है। लोग इस पर मलबा डालते हैं। इससे कभी हादसा हो सकता है। संबंधित विभाग कुछ करने को तैयार नहीं।

-संजय।

त्रिलोकपुरी की अधिकतर पार्क बदहाल स्थिति में हैं, जो पार्क ठीक है वह स्थानीय निवासियों की मेहनत की वजह से। सफाई व्यवस्था भी बिल्कुल ठीक नहीं है।

सुंदर चौहान।

पीडब्ल्यूडी ने एक साल पहले ही तीन ब्लॉक की रोड बनाई थी, लेकिन वह रोड धंसने लगी है। रोड धंसने से तो एक जगह बड़ा गड्ढा हो गया है, इससे सड़क दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।

- हरकेश।

त्रिलोकपुरी की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की है। सावन का महीना चल रहा है, लेकिन यहां पर खुले में मीट बेचा जा रहा है। सरकार विकास कार्य करने को तैयार नहीं है।

जफर रिजवी।

त्रिलोकपुरी में प्रतिदिन ई रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है। ई रिक्शा चालक सड़कों पर अनियंत्रित तरीके से खड़े रहते हैं। इस कारण यहां पर अधिकतर समय जाम लगा रहता है।

-बीर ¨सह।

सड़क धंसने की जानकारी मुझे है। मैंने खुद वहां जाकर दौरा किया था। इसकी शिकायत संबंधित विभाग को दे दी है। वर्क आर्डर पास होते ही सड़क को सही करने का काम शुरू हो जाएगा। जलबोर्ड की पाइप लाइन के संबंध में जो भी शिकायत मिल रही हैं, वहां की पानी की पाइप लाइने बदलने का काम भी जारी है।

-राजू ¨धगान, विधायक, त्रिलोकपुरी।

जागरण सुझाव

-सफाई व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए।

-अतिक्रमण करने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए।

-अवैध मीट की दुकानों पर रोक लगनी चाहिए।

-सेप्टिक टैंक को तोड़ा जाना चाहिए।

-पार्को का सुंदरीकरण होना चाहिए।


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