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NGT को सौंपी रिपोर्ट में खुली पोल-'गाजियाबाद में प्रदूषण मानक से 4 गुना बढ़ा'

गाजियाबाद में प्रदूषण मानक से चार गुना ज्यादा है। यह खुलासा केंंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में हुआ है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 21 Apr 2016 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 22 Apr 2016 07:44 AM (IST)
NGT को सौंपी रिपोर्ट में खुली पोल-'गाजियाबाद में प्रदूषण मानक से 4 गुना बढ़ा'

गाजियाबाद। देश के महानगरों में शुमार गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में प्रदूषण मानक से चार गुना ज्यादा है। यह खुलासा केंंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में हुआ है।

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आज तीनों समितियों ने अपनी रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी। इसको NGT ने गंभीरता से लिया है। गौरतलब है कि NGT के आदेश पर यहां प्रदूषण की मात्रा मापी गई थी।

प्रदूषण पर NGT ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए डीएम, एसएसपी, जीडीए वीसी और निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं, पूर्वी दिल्ली के अधिकारियों को भी नोटिस दिया गया है। 15 दिन में नोटिस का जवाब देना है।

गौरतलब है कि कौशांबी में बढ़ते वायु और ध्वनि प्रदूषण की परख करने के लिए पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण संयुक्त टीम ने प्रदूषण मापी यंत्र लगा दिया था। रविवार और सोमवार को इस यंत्र के जरिये वायु और ध्वनि प्रदूषण का सैंपल लेकर उनकी जांच कर एनजीटी को रिपोर्ट सौंपी गई।

केंंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमोंं ने प्रदूषण की मात्रा मापी।


दस मीटर ऊंचाई पर लगाया था यंत्र

टीम ने सतपुड़ा टावर के सामने बने बिजली घर की छत और कौशांबी सामुदायिक केद्र की छत पर यंत्र को रखा था। टीम के मुताबिक, इसे रखने के लिए दस मीटर से अधिक की ऊंचाई जरूरी है। साथ ही हवा का खुला स्तर बना रहे। इसे जमीन से ऊपर रखने का मकसद यह होता है कि धूल के कण और गंदगी से बचा रहे।

क्योंं पड़ी जरूरत

दरअसल कारवा की ओर से विनय कुमार मित्तल ने एनजीटी को बताया था कि कौशांबी इलाके में टूटी सड़कोंं, बढ़ते अतिक्रमण, कौशांबी व आनंद विहार बस अड्डे के शोर व वायु प्रदूषण के साथ ही दिल्ली से सटे इलाके में वहां के औद्योगिक क्षेत्र से सबसे अधिक परेशानी आती है।

उनकी इस शिकायत को मार्च माह में एनजीटी ने संज्ञान में लिया था, जिसके बाद 28 मार्च को कौशांबी में टीम आई। जिसमें केद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कृष्णमूर्ति, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के डा. चंद्र प्रकाश गोगिया और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पारसनाथ रहे।

टीम कौशांबी में टूटी सड़को से उड़ने वाली धूल, आनंद विहार व कौशांबी बस अड्डे से होने वाले प्रदूषण, फैक्टि्रयो के प्रदूषण और सीवर ओवर फ्लो से फैलने वाली गंदगी को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जिसके अब प्रदूषण मापी यंत्र लगाया गया।


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